For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

किताब /पुस्तक पर -दोहे

पुस्तक गुण की खान है,सीखें रखती गोय
जो उसका प्रेमी बना ,जग में जय जय होय॥

सखी भरी है ज्ञान से,उर में रखती भाव
पढ़-पढ़ के हासिल करो,रहे न ज्ञान अभाव॥

इस पूरे संसार की,जो रखती है थाह
दुनियाँ में कैसे मिली,किसको कहाँ पनाह॥

वर्ण-वर्ण मिल बन गई,सुंदर सुखद किताब
मनसा वाचा कर्मणा ,रख लो खूब हिसाब ॥

गुणी जनों ने बैठ कर,लिखे सुघर मंतव्य
रुचि जिसकी जिसमें रहे, खोजो वो गंतव्य॥

मौलिक व अप्रकाशित 

कल्पना मिश्रा बाजपेई 

Views: 6065

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on March 12, 2015 at 2:10pm
आदरणीया कल्पना मिश्रा जी, इस सुंदर प्रस्तुति हार्दिक बधाई ! सादर
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 12, 2015 at 12:04pm

आ० कल्पना बहन बहुत सुन्दर दोहे हुए है हार्दिक बधाई .

Comment by khursheed khairadi on March 12, 2015 at 9:01am

आदरणीया कल्पना जी ,सुन्दर दोहावली है ,सादर अभिनन्दन |

Comment by kalpna mishra bajpai on March 11, 2015 at 11:03pm

आप सभी आदरणीय मित्रों की आभारी हूँ /सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on March 11, 2015 at 11:02pm

आ० डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव सर आप के  मार्ग दर्शन के लिए आभारी हूँ /सादर 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 11, 2015 at 10:46pm

जो उसका प्रेमी बना ,जग में जय जय होय॥ आदरणीय कल्पना मिश्रा जी सत्य, सुन्दर रचना  पर हार्दिक बधाइयाँ!! कबीर जी के बारे में आपका क्या ख्याल है?? मसि कागज गयो नहि हाथ!

Comment by maharshi tripathi on March 11, 2015 at 5:37pm

बहुत सुन्दर दोहे ,,,,

सखी भरी है ज्ञान से,उर में रखती भाव

पढ़-पढ़ के हासिल करो,रहे न ज्ञान अभाव॥,,,,सही कहा आपने ,,हार्दिक बधाई आपको आ.कल्पना मिश्रा जी |

Comment by Shyam Narain Verma on March 11, 2015 at 3:01pm
आपकी इस सुंदर प्रस्तुति पर सादर बधाई
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 11, 2015 at 12:52pm

आ० कल्पना जी

पुस्तक गुण की खान है

 

पढ़-पढ़ कर  हासिल करो,

 

वह रखती है थाह ,

कोई कैसा हो यहाँ सबको मिले पनाह

 

सब का करे  हिसाब ॥

 

अभिरुचि के अनुरूप ही सबका है गंतव्य  

सादर i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service