कुत्ते की बेइज्जती
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एक बार सब मिलकर
हाथ जोडो
और कुत्ते की वफादारी को बेइज्जत
करना छोडो
कुत्ता जो एक टूक रोटी के बदले
सर्दी की रात में ठण्ड में सिकुडकर,
या गर्मी की तेज धूप में तपकर
करता है मालिक के घर की चौकीदारी
घर की दहलीज से लिपटकर
फिर भी बेईमानी का पुतला
झूठ का पुलिन्दा
इन्सानियत का दुश्मन
हवस का पुजारी
मानव रूपी राक्षस की तुलना
एक वफादार जानवर कुत्ते से
क्यों करते हैं लोग
मैं पूछता हूँ प्रश्न अनेक
जिनका उत्तर देना तुम नेक
क्या कभी कुत्ते को चोरी करते देखा है
मालिक के घर ?
उत्तर-नहीं ।
क्या कुत्ते को भौंकते देखा है
अपने मालिक पर ?
उत्तर- नहीं ।
और न ही देखा होगा कभी
मित्र से दगा करते हुये
नहीं छोडता कभी अकेला,
मित्र को मुसीबत में मरते हुये
और आदमी को रोज देखते
चोरी करते
अपने मालिक की हत्या करते
सैकडों बालात्कार तो रोज ही करता
ये हवसी के वेश में
और तो और चोर ही चौकीदार बन बैठे हैं
हमारे देश में
फिर क्यों झट से हम
हर बुरे आदमी को
कुत्ता कह डालते हैं
एक वफादार इज्जतदार
नेक ईमानदार जानवर को
बेइज्जत कर डालते हैं
बहुत तेज होती हैं संवेदना कुत्ते की
वह चोर पर ही भौंकता है
कुटिल को काटता है
सज्जन को चाटता है
कमजोर और संवेदनहीन होता मनुष्य
ये अपनों को लूटता है
गैरो को मारता है
धन के लालच में भाई की हत्या कर देता है
सुख की खातिर
अपने ही बुजुर्गों पर अत्याचार कर देता है,
ऐसे निर्मम नींच हवसी
मानव की तुलना
भोले भाले कुत्ते से
अब करना छोडो
जितनी गाली आज तक दी हैं कुत्ते को
उनके लिए कान पकडकर माफी माँगो
और हाथ जोडो
मौलिक व अप्रकाशित
उमेश कटारा
Comment
आदरणीय "JAWAHAR LAL SINGH जी शुक्रिया
आदरणीय "जितेन्द्र पस्टारिया जी शुक्रिया
सच! वफ़ादारी जैसा गुण अब जानवरों में ही रह गया है. बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीय उमेश जी. हार्दिक बधाई
जितनी गाली आज तक दी हैं कुत्ते को
उनके लिए कान पकडकर माफी माँगो
और हाथ जोडो
बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय उमेश कटारा जी! जानवर आदमी से ज्यादा वफादार है
आदरणीयशिज्जु "शकूर" जी शुक्रिया
आदरणीय उमेश कटारा जी आपकी रचना बिल्कुल ही अलग तरह की है, बहुत बहुत बधाई आपको
आदरणीय krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी शुक्रिया
आदरणीय Shyam Narain Vermaजी शुक्रिया
आदरणीय Dr. Vijai Shankerजी शुक्रिया
आदरणीय maharshi tripathi जी शुक्रिया
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