पापा आवारा किसे कहते हैं ? चार साल के बिट्टू के इस प्रश्न पर मैं थोडा चौंका , फिर गोद में लेकर प्यार से उसके सर पर हाथ फेर कर बोला, बेटा आवारा उसे कहते हैं जिसका कोई नहीं होता, जो व्यर्थ गली-गली घूमता है ! ...तो ..पापा क्या दादा जी का कोई नहीं है... ? जो मम्मी रोज कहती है ....इस उम्र में भी भटकता रहता है आवारा जैसा ....शाम को भोजन के वक्त घर याद आता है ..............
(मौलिक एवं अप्रकाशित )
राजू आहूजा
Comment
आप शायद ठीक कह रही हैं माननीया सविता मिश्रा जी !
अच्छी लघुकथा..आजकल ऐसे आवारा लोगो की तादाद बढ़ रहीं हैं
@ माननीय गिरिराज भंडारी जी , इंसान की उम्र में एक पड़ाव ऐसा भी आता है, जब उसके अपनों के पास भी उसके लिए समय नहीं रहता ! जब उसे शेष जीवन जीने के लिए प्यार और सहानुभूति के स्थान पर तिरिस्कार और अपमान मिलता है , तो उस एकाकीपन को इस दौर में " आवारा " जैसा संबोधन मिलना कोई अतिश्योक्ति नहीं ....सादर !
माननीय सर्वश्री , जवाहरलालसिंह जी, गिरिराज भंडारी जी, डा. विजय शंकर जी, नीरज कुमार "नीर" जी, सुभाष पांडे जी एवं जीतेन्द्र पस्टारिया जी, प्रयास की सराहना हेतु ...आभार ! आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रियाएं आगे भी मिलती रहेंगी ऎसी आशा के साथ .........
बहुत बढ़िया लघुकथा, आदरणीय राजकुमार जी. बधाई स्वीकारें..
अच्छी लघुकथा हुई है, आदरणीय राजकुमारजी.
वैसे ऐसे वाकयों पर लघुकथायें आती रही हैं. लेकिन आपकी शैली अवश्य अच्छी लगी है.
शुभेच्छाएँ
बहुत मार्मिक ॥
आदरणीय , आवारापन , आदत भी हो सकती है और मज़बूरी भी , घर जब बैठने उठने के लायक न रह जाये तो आवारा भटकना भी पड़ सकता है , मै कथा को इस अर्थ मे ले रहा हूँ । कथा के लिये आपको हार्दिक बधाई ।
बच्चे मन के सच्चे वही सीखते हैं जो देखते हैं .... बहुत बढ़िया बेहतरीन प्रस्तुति!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online