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और बाक़ी दो ?...
विद्या ददाति विनयम
दोनों बर्बाद हो गए देखो
दुश्मनी के लिये बचा क्या है वाह! वाह!
मैं हूँ दीवाना और तू हुश्यार
मुझ से तेरा मुक़ाबला क्या है लाजवाब शेर!
बहुत बहुत बधाई आ० समर सरजी!
यदि शेर का भाव बदले बिना बदलाव संभव हो तो प्रयास करें..... कुछ सुझाव हैं
आग गुलज़ार कैसे बनती है___ कैसे शोला बदन हुआ गुलज़ार
दिल को छू जाए तो ये जादू है___ दिल में उतरे तो ये लगे जादू .
आईने की तरह चमकती है___ये चमकती है आईने की तरह.
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