For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कवि की मृत्यु के बाद / गीत (विवेक मिश्र)

दूर कोई कवि मरा है

जो मुखर संवेदना थी
आज कोने जा लगी है
थक चुका आक्रोश है यूँ
मौन इसकी बानगी है

अब इन्हें स्वर कौन देगा?
भाग्य का ही आसरा है

अनगिनत सी भावनायें
बीजता रहता है यह मन
किन्तु विरले जानते हैं
भावनाओं पर नियंत्रण

कब किसे है छाँटना और
कौन सा पौधा हरा है?

लेखनी जर्जर पड़ी है
पृष्ठ रस्ता तक रहे हैं
भाव, शब्दों से कहें अब
'हम अकेले थक रहे हैं'

पूर्ण है 'मुख' गीत का, पर
क्यों अधूरा अन्तरा है?


(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 646

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on May 12, 2015 at 12:03pm
लेखनी जर्जर पड़ी है
पृष्ठ रस्ता तक रहे हैं
भाव, शब्दों से कहें अब
'हम अकेले थक रहे हैं........... उफ्फ !!! कवि का मरना मरना है कलम का ...मरना है मन मस्तिष्क के संग्राम का ........ बहुत ही भावपूर्ण और गुढ़ लेखन ....बधाई आपको आदरणीय विवेक मिश्र जी
Comment by विवेक मिश्र on May 1, 2015 at 3:11am
आप सभी की टिप्पणी से रचना सार्थक हुयी। सभी गुणीजनों का हार्दिक आभार।

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 28, 2015 at 11:07pm

भाई विवेक जी, बहुत दिनों बाद आपकी कोई रचना पढने को मिली है, बेहद सार्थक और भाव प्रधान गीत प्रस्तुत हुआ है, बधाई स्वीकार कर लेंगे, कृपया.

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 28, 2015 at 7:24am

वाह बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ती .....सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 27, 2015 at 11:46pm

भाई विवेक को इस मंच पर अरसे बाद देख कर उन्मन हूँ. जिस मनोविज्ञान के अंतर्गत इस गीत की रचना हुई है उसके व्यावहारिक पक्ष की अपेक्षा है भावों-भावनाओं को शब्द देने का क्रम अस्थायी बाधा से दुष्प्रभावित न हो.
सशक्त किन्तु निरीह निरुपाय व असहाय कवि की मनोदशा को खूब स्वर मिले हैं.
साधु-साधु

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 27, 2015 at 8:25pm

दूर कोई कवि मरा है--------यह पंक्ति कवि के सम्मान की रक्षा नहीं करती . ऐसा कर सकते हैं -भव -सिन्धु कवि कोई तरा है .  सादर .

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 27, 2015 at 6:35pm
बधाई, सुन्दर प्रस्तुति ,

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 27, 2015 at 3:52pm
वाह वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
रचना की गेयता ने मुग्ध कर दिया।
आदरणीय विवेक जी इस सुन्दर रचना पर दिल से बधाई।
Comment by Shyam Narain Verma on April 27, 2015 at 12:12pm
इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service