For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"संस्कार" एक लघुकथा

में अपने छोटे बेटे के साथ शहर में रहता हुI और मेरी घरवाली गाव में बड़े बेटे के साथ रहती हैI समय के अनुसार जायदाद के साथ साथ हमारा भी बंटवारा हो गयाI आज उसकी बहुत याद आ रही थीI फ़ोन में रिचार्ज खत्म होने की वजह से कई दिनों से उस से बात नहीं हो पाईI पिछले तीन दिनों से बेटे को बोल रहा थाI पर बेटे को ऑफिस में टाइम नहीं मिलने की वजह से रिचार्ज नहीं करवा पायाI आज भी में बेटे को ऑफिस जाते समय रिचार्ज याद दिला रहा थाI तभी बहु की पीछे से आवाज आई, बावजी - आप को कितनी बार बोला है ये जब ऑफिस जाते है तो पीछे से आवाज मत दिया करो, जब टाइम मिलेगा तो रिचार्ज करवा देंगेI में मन मसोज कर पोते के साथ टीवी पर कार्टून देखने लगाI थोड़ी देर बाद टीवी अचानक बंद हो गयाI पोता चिल्लाया तो बहु दौड़ कर आई और देखा तो पता चला टीवी का रिचार्ज खत्म हो गया हैI तुरन्त पति को फ़ोन किया और बोली - टीवी का रिचार्ज खत्म हो गया है, आप जल्दी से करवा देना नहीं तो मेरा सीरियल निकल जायेगाI थोड़ी देर बाद मेरे फ़ोन की घण्टी बजी, देखा तो बेटे का फ़ोन थाI बेटा - पापा वो फ़ोन इसलिए किया की उस का फ़ोन लग नहीं रहा थाI मेने रिचार्ज करवा दिया हैI में मन ही मन बेटे को धन्यवाद दे रहा था और कह रहा थाI की भगवान का शुक्र हैI आज मेरा रिचार्ज हो गयाI तभी बेटे की आवाज आई - पापा आप देखकर बताये की टीवी चालू हो गया है क्या? में बोला - हाँ बेटे टीवी तो चालू हो गया लेकिन इस में संस्कार चैंनल नदारद हैI

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 858

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by harikishan ojha on April 30, 2015 at 10:46am

होसला अफजाई के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद  
आ. श्याम जी

Comment by harikishan ojha on April 30, 2015 at 10:45am

आ. राजकुमार जी  ,धन्यवाद

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 30, 2015 at 1:03am
और संस्कृति भी नदारत है, कॉमर्शियल कॉमर्शियल ही भरे हैं। बधाई , सादर।
Comment by rajkumarahuja on April 29, 2015 at 3:20pm

सचमुच आज  "संस्कार " नदारत हैं , सुन्दर कटाक्ष माननीय ओझा जी ! आदमी को मशीन में परिवर्तित होने में अब ज्यादा समय नहीं है !

Comment by Shyam Narain Verma on April 29, 2015 at 3:13pm

लाजवाब रचना है बहुत बहुत बधाई आपको

 सादर

Comment by harikishan ojha on April 29, 2015 at 3:07pm

सही बात है अमन जी, आप का आभार

Comment by aman kumar on April 29, 2015 at 2:15pm

संस्कार तो अब चेनल का ही नाम भर है !

संदेश अच्छा दिया आभार !

Comment by harikishan ojha on April 29, 2015 at 2:03pm

Dhanyawad sa pankaj ji

Comment by Pankaj Joshi on April 29, 2015 at 1:44pm

सुंदर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service