For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दर्द की पहुँच (लघुकथा)

"भैया, इनके पेट में असहनीय दर्द हो रहा है, शराब मांग रहे हैं|"

"भाभी, पहले कितनी पीते थे, छुड़ा रहे हैं तो थोड़ा दर्द होगा ही|"

"आप सही कह रहे हैं...हम नहीं पीने देंगे, अरे माँ जी!" दरवाजे पर सासुमाँ को शराब की बोतल के साथ देखकर बहू आश्चर्यचकित रह गयी|
"माँ ये क्यों लाई? और पैसे कहाँ से लाई?"

"मेरी दवाई लौटा दी मैनें बेटा, उसका दर्द सहन नहीं हो रहा...."

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 392

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 18, 2015 at 3:21pm

इस लघुकथा की अंतर्धारा दो ओर इशारा करती है. एक, ये जीवन न सफल तो मौत ही सही. दो, माँ की ममता निरी भावुकता को प्रश्रय दे तो बच्चों और परिवार की हालत यही होती है.
यदि पहला वाला इशारा मान लें तो कुछ नहीं कहना. लेकिन दूसरे इशारे पर कहने को बहुत कुछ है. यह ममता नहीं मूर्खता है. इसी समाज ने ऐसी माँओं का उदाहरण भी जाना है जिनने अपने बेटों को तपाया है, इतना कि वे शिवाजी बन कर सफल हुए हैं. देश के निराले राज्य पंजाब का अतीत तो ऐसी माताओं के सत्कृत्यों से भरा पड़ा है. लेकिन यही पंजाब आज उस दौर से गुजर रहा है जिसका भयावह प्रतिफल अगली पीढ़ियाँ महसूसेंगीं.

आपकी लघुकथा प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय चंद्रेश कुमारजी.

Comment by vijay nikore on May 12, 2015 at 4:46pm

 मार्मिक सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई।

Comment by Sudhir Dwivedi on May 12, 2015 at 11:31am

पुत्र का असहनीय दर्द कैसे सहन होता माँ को ,सुंदर लघुकथा बधाई चन्द्रेश जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on May 12, 2015 at 4:18am

सफल लघुकथा 

बधाई आदरणीय चंद्रेश जी, बहुत मार्मिक लघुकथा प्रस्तुत की है आपने.

Comment by विनय कुमार on May 12, 2015 at 12:57am

माँ की ममता , बहुत भावपूर्ण और मार्मिक लघुकथा , बधाई स्वीकारें..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 12, 2015 at 12:53am

बहुत सुंदर , आदरणीय चंद्रेश जी. बड़ी मार्मिक लघुकथा प्रस्तुत की है आपने.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 11, 2015 at 9:47pm

माँ की ममता का बढिया उदाहरण दिया आपने , लघु कथा के लिये बधाइयाँ आपको ॥

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on May 11, 2015 at 5:10pm

सुन्दर कथा! भाई चंद्रेश कुमार जी ...... एक माँ ही ऐसा दिल रखती है जो बच्चो का दर्द और दुःख बर्दाश्त नहीं कर पाती.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"स्वागतम"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"है सियासत की ये फ़ितरत जो कहीं हादसा हो उसको जनता के नहीं सामने आने देना सदर"
7 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय पंकज जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये सादर"
7 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
7 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमित जी  बहुत बहुत शुक्रिया सज्ञान लेने के लिए कोशिश करती हूं समझने की जॉन साहब को भी…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई पंकज जी, हार्दिक आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. रिचा जी, हार्दिक आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई जयनित जी, हार्दिक आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई दिनेश जी, हार्दिक आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, हार्दिक आभार।"
8 hours ago
Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, शेष अमित जी ने विस्तृत इस्लाह की है। "
8 hours ago
Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय बाग़पती जी अच्छी ग़ज़ल से मुशायरे की शुरुआत के लिए साधुवाद"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service