आ दुआ करें
आ दुआ करें मिलजुल,
निःस्वार्थ हो बिलकुल,
प्रभु!रचना तेरी चुलबुल,
हँसने दे अभी खुलखुल।
उनके दिल को छुआ करें।
आ दुआ करें।
जीवन-ज्योति जलायी तूने,
दुनिया नयी दिखायी तूने,
चलने की राह बतायी तूने,
होने न दो अभी सब सूने।
आ उनके कुछ हुआ करें।
आ दुआ करें।
कुछ रोष हो तो लो उतार,
है दुख भरा तेरा संसार,
क्या करें,जब हो गया,लो
सुनो, तेरी जगती से प्यार।
आ उनकी खातिर मुआ करें।
आ दुआ करें।
'मौलिक व अप्रकाशित'@मनन(25/04/2015)
(भयावह भूकंप के संभावित झटकों तथा हुई तबाही के मद्दे नजर की गयी प्रार्थना)
Comment
आदरणीय सुनील जी, हरि भाई ! आभार आपका।
आपकी सुन्दर कामना से भरी इस रचना पर साधुवाद आ. Manan Kumar singh जी ! सादर
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