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ग़ज़ल :- आज जिस रंग में ढालोगे मैं ढल जाऊँगा

फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन/फ़इलुन

आज जिस रंग में ढालोगे मैं ढल जाऊँगा
दैर कर दोगे तो हाथों से निकल जाऊँगा

एक हालत में यहाँ कौन रहा है,मैं भी
जैसे हर चीज़ बदलती है,बदल जाऊँगा

ऐसे ही बनते हैं,दुनिया में मिसाली किरदार
मैं भी फूलों की तरह काँटों में पल जाऊँगा

मोम या बर्फ़ के जैसा नहीं,पर जानता हूँ
मैं तिरे जिस्म की गर्मी से पिघल जाऊँगा

मैं तो इक ख़ाक का पुतला हूँ,तू मिस्ल-ए-ख़ुर्शीद
पास आऊँगा अगर तेरे तो जल जाऊँगा

एक मुद्दत से ये हसरत रही मेरे दिल में
मैं भी इक रोज़ "समर" शह्र-ए-ग़ज़ल जाऊँगा

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by Samar kabeer on July 20, 2015 at 10:45pm
आली जनाब डॉ विजय शंकर जी,आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on July 19, 2015 at 10:44pm
वाह ! बहुत खूबसूरत ग़ज़ल। आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार, बधाई, सादर।
Comment by Samar kabeer on July 19, 2015 at 10:07am
जनाब सौरभ पांडे जी,आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 4, 2015 at 11:14pm

बार-बार दाद कुबूल कीजिये आदरणीय समरसाहब. शेर दर शेर दाद दे रहा हूँ.
हार्दिक शुभकामनाएँ

Comment by Samar kabeer on June 25, 2015 at 10:50pm
जनाब मिथिलेश वामनकर जी,आदाब,आपकी कमी शिद्दत से महसूस हो रही थी,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 25, 2015 at 3:46am

आपकी ग़ज़ल से गुजरना ही एक कमाल का अनुभव होता है 

क्या कहूं 

बस नमन 

एक एक शेर कमाल है 

शानदार और बेमिसाल ग़ज़ल 

Comment by Samar kabeer on June 17, 2015 at 3:54pm
जनाब आशुतोष मिश्रा जी,आदाब,आइन्दा उर्दू के कठिन शब्दों का अर्थ लिख दिया करूँगा,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on June 17, 2015 at 3:48pm
जनाब विजय निकोरे जी,आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 17, 2015 at 12:42pm

आदरणीय समर कबीर जी आपकी ग़ज़ल मैं बहुत धीरे धीरे पढता हूँ क्योंकि उर्दू के शब्दों के बिषय में खासकर उनको लिखने के बिषय में बेहतरीन जानकारी मिलती है ..आपसे एक निवेदन है कि उर्दू का कोई भी शब्द जो थोडा अलग सा हो उसका अर्थ अवश्य लिख दिया करें तो शब्दकोष का सहारा बार बार न लेना पड़ेगा ..इस उम्दा रचना के लिए हार्दिक बढ़ाई सादर 

Comment by vijay nikore on June 16, 2015 at 6:29pm

बहुत ही खूबसूरत गज़ल के लिए बधाई। मज़ा आ गया।

कृपया ध्यान दे...

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