For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अपने अपने दर्द ( लघुकथा )

" आजकल इंडस्ट्री लगाना और उसे चलाना आसान नहीं रहा " कहते हुए उनके चेहरे का दर्द टपक गया |
" क्यों , क्या हो गया ऐसा ", आश्चर्य से पूछा उसने |
" अरे ये मनरेगा जो आ गया , अब जिसको अपने गाँव , घर में ही काम मिल जा रहा है , वो क्यों आएगा दूर काम करने "|
" और रही सही कसर ये शॉपिंग माल वाले पूरी कर दे रहे हैं | बढ़िया ए सी में काम मिल जा रहा है उनको "|
उसे अपना गाँव याद आ गया जहाँ ग्राम प्रधान और अधिकारी मिल कर मनरेगा का आधा से ज्यादा पैसा फ़र्ज़ी नाम से हड़प जाते हैं |
मज़दूर को भी दर्द होता है , वो सोच में डूब गया |
मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 692

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on July 14, 2015 at 12:46pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 13, 2015 at 11:03pm

आजकी वस्तुस्थिति को सापेक्ष करती हुई एक अच्छी कोशिश केलिए हृदय से बधाई आदरणीय..

Comment by विनय कुमार on July 4, 2015 at 1:34pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय परी श्लोक जी..

Comment by Pari M Shlok on July 4, 2015 at 10:12am
आदरणीय विनय जी बहुत ही अच्छी लघुकथा हुई है,बधाई आपको
Comment by विनय कुमार on July 3, 2015 at 10:19pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया शशि बंसल जी .

Comment by विनय कुमार on July 3, 2015 at 10:18pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय कृष्ण मिश्रा जान गोरखपुरी जी.

Comment by shashi bansal goyal on July 3, 2015 at 10:11pm
बहुत बढ़िया तरीके से शीर्षक और कथा तत्व को समेटा है । बधाई स्वीकारें ।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on July 3, 2015 at 8:47pm

बधाई! आ० विनय सर जी आपकी लघुकथाए नए नए सार्थक विषयों पर आ रही है! जो बहुत जरूरी है!

Comment by विनय कुमार on July 3, 2015 at 8:41pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया कान्ता रॉय जी..

Comment by kanta roy on July 3, 2015 at 7:14pm
बेहतरीन लघुकथा विनय सर जी , शीर्षक को सार्थक करती हुई ...... बहुत खूब

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service