For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कव्वा चला शायर की चाल ......

2 2 2 1 / 2 2 2 2 / 2 1 222


दिल में शायरी का जब भी दोर उट्ठेगा
सबसे पहले तेरे नाम का शोर उट्ठेगा !!

पहली बारिश की रिमझिम शुरू क्या हुई
देख आज बगिया में नाच मोर उट्ठेगा !!

तेज हवाएँ तेरे इश्क़ में कुछ चलीं ऐसी

दिल में एहसासों का बबंडर जोर उट्ठेगा !!

जब आयेगा धुवाँ पड़ोस के घर के चुल्हे से
तभी मेरे हाथ से ये खाने का कोर उट्ठेगा !!

बचा कर रखना ये दिल मेरी तीरंदाजी से
वर्ना लूटने 'इंतज़ार' के दिल का चोर उट्ठेगा !!

*************************************************

मौलिक व अप्रकाशित

बे-बहर लाज़मी है  कृपया सुझाव दें

Views: 987

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on July 14, 2015 at 9:32am

आदरणीय shree suneel जी उत्साह वर्धन के लिये हार्दिक आभार ...जी वक़्त से कुछ तो सुधेरगा ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on July 14, 2015 at 9:30am

आ:  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी आप का हार्दिक आभार... आप की आज्ञा अनुसार कुछ संशोधन कर रहा हूँ ..आशा है कुछ सुधार हो पयेगा ...सादर 

Comment by shree suneel on July 12, 2015 at 8:59am
आदरणीय मोहन सेठी जी, बधाई आपको आपके इस प्रयास पर. भाव अच्छे पिरोये हैं. जो सुझाव प्राप्त हुए हैं वे महत्वपूर्ण हैं. नि:संदेह, अभ्यास से सारी कमियां सूखे पत्ते की तरह झड़ जाएंगीं.
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 9, 2015 at 9:33am

आदरणीय

डांगी जी की शंकाये सही है  आपका रदीफ़  है 'र उट्ठेगा' और कफिया  है  'औ'  इस लिहाजसे बाद में काफिया  'ओ ' सही नहीं लगता  . दूसरी बात  चुल्हा शब्द ही सही है . सादर .

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on July 8, 2015 at 9:27am

आदरणीय Rahul Dangi जी हार्दिक आभार आप की उपस्थिति के लिये .....बहर के बारे में तो पता नहीं ....काफ़िया सिर्फ़ 'र' होना चाहिये और चुहला मुझे ठीक लगता है ...आशा है ग़ज़ल के जानकार इन शंकाओं का समाधान करेंगे ...सादर 

Comment by Rahul Dangi Panchal on July 8, 2015 at 7:37am
आदरणीय Mohan Sethi 'इंतज़ार' जी गजल बहुत ही सुन्दर भावों से सुसज्जित हैं इस प्रयास हेतु बधाई स्वीकार करें और साथ ही मेरी कुछ समस्याओं का निदान करें।

आदरणीय मुझे इस बहर के नाम से परिचय करायें। दौर के साथ शोर काफिया सही नहीं ठहरता या तो और पे काफिया ठहराए या फिर ओर पर। चुल्हा या चुहला यह भी देखें।
Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on July 7, 2015 at 5:30pm

गुणीजनों से बहर दुरुस्त करने के लिये आलोचनात्मक टिप्पणी की अपेक्षा है ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on July 7, 2015 at 5:20pm

आदरणीय Shyam Narain Verma जी शुक्रिया आप का ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on July 7, 2015 at 5:20pm

आदरणीया kanta roy जी आपके प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिये मैं आभारी हूँ .....इससे मेरी लिखने की हिम्मत बनी रहेगी .....सादर 

Comment by kanta roy on July 7, 2015 at 1:49pm
बचा कर रखना ये दिल मेरी तीरंदाजी से
वर्ना लूटने 'इंतज़ार' के दिल का चोर उट्ठेगा !...... वाह !!! पढने वाले तो झूम उठे है गजल की रवानी देख कर ..... बहुत खूब गजल का ये भी एक अंदाज़ देखा ।बधाई आपको इस बेहतरीन गजल के लिये आदरणीय मोहन सेठी ' इंतजार ' जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service