For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दलदली जमीं पर ख्वाबों की बुनियाद

दलदली जमीं पर ख्वाबों की बुनियाद

 

यामिनी हर दिन अपनी बेटी को लोरी सुनती थी ,जो आम लोरी से कुछ हट के होता था .

“मैं कम पढ़ी लिखी ,मजबूर और अकेली थी “.

तुम तन्हा नहीं ,मैं हूँ ना

“मेरे पास धन नहीं सिर्फ तन की दौलत थी “

तुम इतनी कंगाल नहीं होगी कि तुम्हे अपनी दुर्लभ तन बेचनी पड़े .

“संसार में कोई काम छोटा नहीं होता ,मैं भी हमदोनों की पेट की खातिर ही इसे काम समझ करती हूँ .”

तुम इतना सक्षम होगी कि छोटे काम तुम्हे करने ही नहीं होंगे.

“मेरी बेटी मैं इस दलदल में ख्वाबों की एक बीज बो रहीं हूँ,उम्मीदों की बुनियाद इतनी मजबूत इरादों से बनी होगी कि खवाबों का महल फौलादी होगा   “.

जाने बच्ची ने क्या समझा पर हाथ –पैर पटक चमकती आँखों से,”हूँ हूँ हाँ “ की आवाजें  यामिनी की इरादों को बुलंद कर गयीं .

(मौलिक व् अप्रकाशित )

 

Views: 545

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rita Gupta on August 2, 2015 at 12:45pm

आदरणीय सौरभ जी  त्रुटियों की ओर इंगित करने  हेतु बहुत  आभार ,इस मंच पर लिखने  का यही मकसद है .मैं एडिट कर उन्हें दूर  करने की कोशिश करती हूँ .

Comment by Rita Gupta on August 2, 2015 at 12:44pm

आभार आदरणीय सुशील जी .

Comment by Rita Gupta on August 2, 2015 at 12:43pm

आदरणीय मिथिलेश जी आभार .


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 2, 2015 at 3:12am

टंकण त्रुटियों और व्याकरण सम्बन्धी अशुद्धियों केकारण कथा वाचन में मजा नहीं आया आदरणीया रीताजी.

प्रयास हेतु शुभकामनाएँ

 

Comment by Sushil Sarna on August 1, 2015 at 7:44pm

आदरणीया बहुत सुंदर और सार्थक लघुकथा प्रस्तुत की है आपने।  हार्दिक बधाई। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 1, 2015 at 4:10pm

आदरणीया रीता जी बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई...

Comment by Rita Gupta on August 1, 2015 at 12:20pm

धन्यवाद आदरणीय Manoj जी .

Comment by मनोज अहसास on August 1, 2015 at 8:41am
बहुत सुंदर
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद और कामयाब अश'आर पर…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
20 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
21 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
21 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र पर आपने सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं.…"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service