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बहुत की कोशिशें मैने गमों के पार जाने की
मुझे फिर घेर लेतीं हैं वही खुशियाँ जमाने की
अगर सच है, तो वो सच है ,कभी कह भी दिया कोई
जरूरत क्या पड़ी थी आपको यूँ तिलमिलाने की
यक़ीं हो तो यक़ीं रखना नहीं तो बेयक़ीनी रख
तेरी आदत गलत लगती है मुझको, आजमाने की
अँधेरा इस क़दर हावी न हो पाता किसी आंगन
रही होती अगर चाहत दिये हर घर जलाने की
उदासी रोज़ अपना काम करती है बिला नागा
मगर आखों को आदत पड़ गई है मुस्कुराने की
अभी आवाज़ मद्धम है , ज़रा ऊँचे सुरों में रो
अभी आवाज़ आती है महज़ नक्कार ख़ाने की
मुझे गद्दारों से इस देश के इतना ही कहना है
जगह मुश्किल पड़ेगी खोजना कल सर छिपाने की
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मौलिक एवँ अप्रकाशित
Comment
सादर धन्यवाद आदरणीय
आदरणीय सौरभ भाई , भावों की बात जो मै समझा , और फिर आपकी बात माना वो पहली दो पंक्तियों मे आपको बताया हूँ आदरणीय , क्या वो सही नही है?
वैसे ये बात कि - आप कहें और हम न माने ऐसे तो हालात नहीं , ये भी अपनी जगह सच भी है । जब राहबर भरोसे का हो तो एक नींद ले लेने मे क्या बुराई है ?
//आप कहें और हम न माने ऐसे तो हालात नहीं //
हा हा हा..
मगर आदरणीय, यहाँ पारस्परिक हालात से अधिक भावों को तार्किक ढंग से प्रस्तुत करने की बात है. मैं उसी लिहाज से कह रहा था.
शुभ-शुभ
आदरनीय सौरभ भाई , आँखों के भाव गहरे और सच्चे होते हैं . इसी लिये मै आखों कहा था , लेकिन आपकी सलाह के बाद सोचा कि जब बात आदत की हो रही है , तो सच्चाई और गहराई तक जाना उचित नही है , मुस्कुराना आदतन है , सच्चा नही , इसी लिये मैने आपकी सलाह तुरंत स्वीकार कर ली । और वैसे भी, आप कहें और हम न माने ऐसे तो हालात नहीं ॥
’क्या’ तो आपने तुरत लेलिया आदरणीय गिरिराज भाई. ’क्यों’ पर चर्चा न हो ? ... :-))
मेरा सुझाव इस इशारे के साथ था कि ’आँखें’ झूठ नहीं बोलतीं. ’होंठ’ अलबत्ता माहौल के अनुसार व्यवहार करते हैं, न कि दिल की भावनाओं के अनुसार.
सादर
आदरणीय सौरभ भाई , गज़ल की सराहना के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ।
आपकी सलाह सर आँखों पर , आखों बेदले, होठों कर लूंगा । आपका आभार सलाह के लिये ।
आदरणीय श्री सुनील भाई , गज़ल की सराहना और एक शे र पसन्द करने के लिये आपका हार्दिक आभार ॥
उदासी रोज़ अपना काम करती है बिला नागा
मगर आखों को आदत पड़ गई है मुस्कुराने की .. ......... वाह ! ’आँखों’ से बेहतर ’होठों’ शब्द हुआ होता.
यह ग़ज़ल अच्छी लगी, आदरणीय गिरिराजभाईजी
आदरणीय जवाहर भाई , हौसला अफज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया ।
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