समय चक्र को जानिये, समय बड़ा बलवान
कोयल साधे मौन जब, पावस का हो भान |
समय समय की बात है,समय समय का फेर
गीदड़ भी बनता कभी, कैसा बब्बर शेर |
सही समय चेते नहीं, समय गए पछताय,
पुनः मिले अवसर नहीं,जग में होत हँसाय |
अवसर तो सबको मिले, समझे जो संकेत,
इसको जो न जान सके, भाग्य कहे निश्चेत |
जिस पल साधे काम को, उस पल ही उत्कर्ष
सार्थक श्रम बदले समय, मन में होता हर्ष |
दोहन करके खेत में, बीज समयं पर बोय,
अमृत वर्षा जब फले, हर्ष मना सुख सोय |
अवसर आया सामने, देखे श्रम की राह,
आलस भ्रम में डूबता, करे कौन परवाह |
सजग सदा उसको कहे, जिसे समय का ज्ञान.
कठिन राह पर भो लगे,सफ़र बड़ा आसान |
पौ फटने के साथ ही,शुभ हो समय व्यतीत,
गया वक्त मिलता नहीं, बीता समय अतीत |
समय चक्र गतिशील है, पल पल का हो भान,
समय चक्र को जानकर, करे समय का मान |
(मौलिक व अप्रकाशित)
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