For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पैमाना(सोमेश कुमार )
राम-राम अम्मा जी |(मुकेश बंसल के साथ सैर पर निकलते हुए सुरेश गुप्ता चौखट पर बैठी वृद्धा को देखकर )
राम-राम बेटा |ठीक हो !(वृद्धा ने उनको देखकर हाथ उठाते हुए पूछा )
बस आपका आशीष है |(कहते हुए आगे बढ़ जाते हैं )
कुछ दूर चलने के बाद |अरे सुरेश जी !ये आप क्या कर रहे थे ?
मैंने क्या किया ?
उस औरत को - - -!
क्यों ?कुछ गलत कर दिया |
और क्या ?
कैसे ?
कहाँ आप,कहाँ वो ?
मतलब !
आप जाति के बनिया पढ़े-लिखे शिक्षक फ्लैट में रहने वाले और कहाँ वो मलिछ भंगिन बुढ़िया |
बस यही बात ?
क्या यह कम है !
और क्या ?क्या लोगों को अपनी बराबरी वालों से ही बोलना बतियाना चाहिए |
और नहीं तो क्या
फिर तो मुझे आप से भी मतलब नहीं रखना चाहिए ?
क्यों ?
आप और मैं भी तो बराबर नहीं हैं |i
मतलब !ये तो गलत कह रहे हैं आप |हम दोनों तो बनिया भाई हैं |वो क्या हमारी जाति की है ?

मतलब यही कि बराबरी का यह पैमाना मैं नहीं मानता |वो जो बुजुर्ग है वो उम्र में मेरी माँ के समान हैं |उसके पास जीवन का अनुभव मुझसे ज़्यादा है |उसके चार शादी-शुदा बेटे हैं जो मुझे हमेशा सम्मानपूर्वक नमस्कार करते हैं |उसकी चारों बहुए मुझे देखते ही पर्दा कर लेती हैं और अगर दरवाजे पर झाड़ू वैगरह लगा रही होती हैं तो रुक जाती हैं |मैं उनका क्या लगता हूँ ?
पssर !
ठीक है मैं फ़्लैट में रहता हूँ |क्या कीमत है उसकी ?
40-50 लाख के आसपास |
और वो अम्मा जिस 250 वर्ग गज के प्लाट में रहती है उसकी ?
करोड़ों से ऊपर |
अच्छा मेरे घर के पास किसका घर है आपका या उसका ?
उसका ही है |
अगर अचानक आधी रात में मुझ पर कोई मुसीबत आती है तो सबसे पहले मेरे आवाज़ किस तक जाएगी |तुम तक या उस तक |
क्षमा कीजिए सुरेश जी |मैं आपकी बात समझ गया |
सोमेश कुमार(मौलिक एवं अमुद्रित )

Views: 563

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on October 5, 2015 at 3:19pm

इंसान को  मापने का पैमाना बहुत खूब परिभाषित किया है आपने अपनी इस कथा में आदरणीय सोमेश जी।  बधाई स्वीकार करें। 

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 4, 2015 at 7:24pm
वाह , बहुत सुन्दर प्रस्तुति , आदरणीय सोमेश कुमार जी , सच बात तो ये है कि बहुत से लोग अभी भी ऐसे ही रह रहे हैं , ये तो बस पचास एक साल की उपलब्धि है कि हम अपने रहन - सहन के तरीके - बदल चुके हैं , आपसी सौहार्द खो रहे हैं , बधाई , सादर।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 4, 2015 at 12:57pm
काश इस उत्कृष्ट कहानी के नेक संदेश को हर इन्सान समझ सके, बहुत अच्छा विषय उठाया है आपने आदरणीय Somesh Kumar जी। एक कहानी ऐसी भी हो जिसमें बुज़ुर्गों महिला अपनी सखी से सामने रह रहे रईस पड़ोसी के बारे में अपने उद्गार व्यक्त करती। सादर
Comment by Manan Kumar singh on October 3, 2015 at 10:06am
विचारपरक कथा।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service