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दोहा छ्न्द-----नवरात्रि-उपहार

 

प्रथम शैलपुत्री मनन, है नवरात्रि विधान.

वृद्धि करें वन जीव जड‌, तप बल योग प्रमाण.1

ब्रह्मचारिणी मां प्रखर, दिव्य ज्योति की सार.

सकल सिद्धि यश विजय का, देती हैं उपहार.2

देवि चंद्र घंटा करें, रोग - दोष से मुक्त.

सुखद शांति सुख सम्पदा, वर देतीं उपयुक्त.3

दिव्य हास्य से प्रकट कर, सकल ब्रह्म रस छ्न्द.

खुले हृदय से बांटतीं, कूष्माण्डा मां कंद.4

शक्ति पांचवीं स्कंद मां, बेटे सनतकुमार.

धर्म गर्भधारण सहित, विज्ञानी उपकार.5

शोक शाप से मुक्त श्री, कल्याणी शिव अंश.

ऋषि पालित कात्यायनी, करें असुर विध्वंश.6

महा विनाशक रूप धर, कालरात्रि मां खास.

दुष्ट शत्रु का नाश कर, फलतीं शुभ उल्लास.7

देवि अन्नपूर्णा महा- गौरी का उपकार.

दैहिक दैविक ताप हर, सुखद रखें परिवार.8

 

श्रेष्ठ सिद्धि नव शक्ति की, लक्ष्मी-दुर्गा मात.

पारिजात के वृक्ष सम, फलतीं हैं सौगात.9

विनय शक्ति वरदायिनी, दुर्गा शिव आधार.

विष्णु प्राण सरगम वही, ब्रह्मज्ञान साकार.10

शंख गदा धनु कमल मन, चक्र सुदर्शन साथ.

अष्ट सिद्धि नवनिधि से, उपकृत करते हाथ.11

के0पी0 सत्यम /  मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 20, 2015 at 6:46pm

आ0 लड़ीवाला भाई जी, आपका बाहुत-बहुत आभार.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 15, 2015 at 5:26pm

माँ दुर्गा के रूपों पर भाव्पिर्ण  दोहों के लिए बधाई | 

देवि चंद्र घंटा करें, रोग - दोष से मुक्त./   - चन्द्र घटा देवी करे, रोग दोष से मुक्त 

सुखद शांति सुख सम्पदा, वर देतीं उपयुक्त.| 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 15, 2015 at 8:05am

आ0 वामनकर  भाई जी, आपका बाहुत-बहुत आभार, आपके कथन में ज्ञान सत्यता के साथ ही उत्सुकता भी झलक रही है. जिसकी पूर्ति करना भी अतिआवश्यक है. वांछ्नीय सुधार कर रहा हूं. सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 15, 2015 at 7:49am

आ0 श्यामनारायण भाई जी, आपका बाहुत-बहुत आभार.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on October 14, 2015 at 4:14pm

आदरणीय केवल जी सुन्दर दोहावली हेतु बधाई 

पद 2, 3, 4 के विषम चरण को देख लीजियेगा 

सादर 

Comment by Shyam Narain Verma on October 14, 2015 at 3:16pm
सुंदर दोहों की बधाई, पूरे मन से ॥

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