For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सच्चा आनंद – (लघुकथा ) -

  सच्चा आनंद – (लघुकथा ) -

 "शुक्ला जी,सुना है आप पूरे नव रात्र छुट्टी पर हो"!

"सही सुना है आपने गौतम जी"!

"ऐसा क्या कठोर  व्रत पूजा पाठ   कर रहे हो कि पूरे नौ दिन की छुट्टी ले ली, व्रत उपवास तो हम भी करते हैं,पर छुट्टी खराब करके नहीं"!

"कुछ ऐसा ही  व्रत कर रहा हूं इस बार "!

"कुछ विस्तार से बताओगे"!

"गौतम जी अपने कार्यालय के पीछे जो कुष्ठ रुग्णालय है, उसमें दस कुष्ठ रोगी हैं!मैं पूरे नव रात्र उस रुग्णालय में अपनी सेवायें दे रहा हूं!प्रातः सात बजे से रात आठ बजे तक!उन रोगियों की साफ़ सफ़ाई करना,वस्त्र बदलना, उनके घावों पर दवा लगाना, उनको अपने हाथों से चाय ,नाश्ता ,खाना खिलानाउनको अखबार पढकर सुनाना  इत्यादि"!

"शुक्ला जी,यह तो बडे ज़ोखिम का काम है"!

"लेकिन सच्चा आनंद भी इसी में है"!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 556

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 22, 2015 at 1:43pm

हार्दिक आभार आदरणीय ओमप्रकाश जी, कांता जी, मिथिलेश जी!

Comment by kanta roy on October 22, 2015 at 6:21am
वाकई में सच्चा आनंद तो इसी में है । व्रत और साधना की सार्थकता बतलाती बेहतरीन लघुकथा । बधाई आपको आदरणीय तेजवीर जी ।
Comment by Omprakash Kshatriya on October 21, 2015 at 8:06pm

TEJ VEER SINGH  जी आप की व्रत लघुकथा व्रत के नए रूप से बखूबी दर्शन करा गई. बधाई इस सुंदर व सार्थक लघुकथा के लिए.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on October 21, 2015 at 3:40pm

आदरणीय तेजवीर जी बहुत ही उम्दा लघुकथा हुई है. कथ्य का मर्म प्रभावित भी करता है, प्रेरित भी. बधाई इस बेहतरीन प्रस्तुति पर 

Comment by TEJ VEER SINGH on October 21, 2015 at 11:58am

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी!

Comment by Nita Kasar on October 20, 2015 at 8:29pm
सच्चा आनंद तो परोपकार में ही निहित होता है सार्थक सारगर्भित कथा के लिये बधाई आद० तेजवीर सिंह जी ।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 20, 2015 at 1:26pm

हार्दिक आभार आदरणीय प्रतिभा जी

Comment by pratibha pande on October 20, 2015 at 11:51am

iइतने पवित्र व्रत की प्रेरणा अगर हर किसी को मिल जाय तो ही सही अर्थों मेंसार्थक होगी नवरात्रा  , बहुत ही अवसर अनुकूल और सार्थक रचना  हुई है आपकी आदरणीय ,हार्दिक बधाई आपको 

Comment by TEJ VEER SINGH on October 19, 2015 at 9:20pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी!

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 19, 2015 at 7:12pm
वाह, बहुत ही समसामयिक प्रेरक उम्दा उत्कृष्ट रचना आदरणीय Tej Veer Singh जी।बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ आपको।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आदरणीय चेतन जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
4 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी प्रतिक्रिया से उत्साहवर्धन हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service