जैसे ही वह घर से निकलने को हुई ,बंटी भी साथ जाने की जिद करने लगा I सोचा था आज पैदल ही जायेगी सब्जिया लेने I थोड़ी दूर मुख्य सड़क तक तो चलना था वहीं ताज़ी सब्जिया मिल जाती थीं I पर ये बंटी भी न !! अब सब्जियों के साथ इसे भी टांगना पड़ेगा गोद में ,पैदल तो चलने से रहा ये !वह भुनभुनाई थी कि ससुर जी बोल पड़े -' ले जाओ न बहू !नहीं तंग करेगा ये !जनता हु मैं I 'उन्होंने उसके सिर पर स्नेह भरा हाथ फिराते हुए कहा I
' एयेए .....I 'बंटी ख़ुशी से अपनी ही जगह पर नाच उठा I वह मन ही मन और भन्ना उठी थी I कहना तो ये चाहती थी कि अभी चंद दिनों में ही आप जान गए इसे ,पर कुछ सोच कर चुप रही I
रास्ते भर बंटी सवाल पर सवाल पूछता रहा ,साथ ही बहुत सारी बातें भी बताता रहा I वह आश्चर्य चकित थी की कुछ समय पहले तक चुपचाप सा रहने वाला बंटी अचानक इतना बातूनी और जानकारी से भरपूर कैसे हो गया था ?पर बदलाव उसे अच्छा लगा था I फिर यह सोच कर उसने अपनी पीठ स्वयं ही थपथपा ली की लगता हैं की ये उसके ही सजग निर्णय का कमाल था की उसने बंटी को औकात न होने के बावजूद उसे उस तथाकथित अच्छे स्कूल में डाला था I बंटी अचानक चलते चलते रुक गया और अपनी आँखें बंद कर और हाथ जोड़ कुछ बुदबुदाने लगा था I वह विस्मय से उसे देखने लगी थी I एक मिनट बाद उसने आँखे खोली I
पूछने पर बोल पड़ा I
' मां ,तुमने देखा ? अभी यहाँ से एक एम्बुलेंस गुजरी I '
' हां तो ! इसमें नया क्या हैं ? और तुम्हे कैसे पता ? मैंने तो नही बताया कभी I '
'दादाजी ने मुझे बताया I वे कहते हैं इसमें बहुत बीमार आदमी को अस्पताल लें जाते हैं ,तो मैं उसके लिए प्रार्थना कर रहा था I '
'......'
वह फिर बोला 'दादाजी कहते हैं क्या पता कब किसकी प्रार्थना भगवन जी सुन लें और वह ठीक हो जाए I '
उसके चेहरे पर उसे किसी देवदूत का सा नूर झलकता सा लगा I
अनायास ही मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया I सोचने लगी ,आज जब लोग एम्बुलेंस को रास्ता देना भी आवश्यक नहीं समझते ऐसे में मेरे बेटे में इतनी संवेदनशीलता !!
आज पहली बार उसे बंटी के दादाजी का अपनी पत्नी की मृत्यु उपरांत गाँव से आकर उनके साथ रहना नहीं अखर रहा था I
.
मीना पाण्डेय
मौलिक व् अप्रकाशित
Comment
अति मार्मिक ... इस सुन्दर लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीया मीना जी।
प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय Sheikh Shahzad usmani जी
प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय Mohan Begowal जी
प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय Rajesh kumari जी
प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय Kanta Roy जी
बहुत अच्छी ,अच्छे विषय पर एक सार्थक सन्देश छोडती हुई लघु कथा आपको दिल से बधाई आ० मीना जी
बहुत ही सुंदर विषय पर आप जी ने कलम अजमाई की बधाई हो
बहुत बढ़िया और सार्थक रचना कर्म हुआ है आपका आदरणीया मीना जी बधाई !
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