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ग़ज़ल :- कहाँ ये दिल बहले

मफ़ाइलुन फ़इलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन/फ़इलुन

कहाँ ये वक़्त गुज़ारूँ , कहाँ ये दिल बहले
वहाँ पे लेके चलो तुम, जहाँ ये दिल बहले

है ग़म गुसारि भी देखो बड़े सवाब का काम
सुनाओ ऐसी कोई दास्ताँ ये दिल बहले

इसी सबब से तो करते है इस पे मश्क़-ए-सितम
वो चाहते ही नहीं हैं मियाँ ये दिल बहले

ग़म-ए-हयात की तल्ख़ी सही नहीं जाती
करो कुछ ऐसा जतन मह्रबाँ ये दिल बहले

मिरे मिज़ाज ने मुझ को जकड़ रखा है 'समर'
वहाँ में जाता नहीं हूँ , जहाँ ये दिल बहले

______

ग़मगुसारी :- ग़म बाँटना
सवाब :- पुण्य
मश्क़ :- अभ्यास

नोट :- मतले में ईताए जली का दोष मजबूरी है ।

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

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Comment by Samar kabeer on September 25, 2017 at 10:26pm
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
Comment by Mahendra Kumar on September 25, 2017 at 8:44pm

वाह! क्या ख़ूब ग़ज़ल कही है सर. हर शेर लाजवाब है. दिल से ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Samar kabeer on January 20, 2016 at 9:27pm
जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब,ग़ज़ल में शिरकत और सुख़न नवाज़ी के लिये बहुत बहुत शुक्रिया |
Comment by Samar kabeer on January 20, 2016 at 9:24pm
जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब,ग़ज़ल में शिरकत और सुख़न नवाज़ी के लिये बहुत बहुत शुक्रिया |

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 20, 2016 at 9:16pm

आदरणीय समर कबीर जी, कमाल की ग़ज़ल हुई है. इस लाजवाब ग़ज़ल पर दिल से दाद हाज़िर है.

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 19, 2016 at 6:42am

बहुत सुन्दर ग़ज़ल  हुई है आ० भाई समर जी हार्दिक बधाई l

Comment by Samar kabeer on January 18, 2016 at 2:36pm
जनाब धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी,आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on January 17, 2016 at 11:14pm
जनाब तस्दीक़ अहमद जी,आदाब,ध्यान दिलाने के आपका शुक्रिया,ग़लती से 'ग़म गुसारि' "छोटी इ" से लिखा गया है ,एडिट करवाता हूँ,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on January 17, 2016 at 11:08pm
जनाब निलेश 'नूर' जी,आदाब, ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Samar kabeer on January 17, 2016 at 11:04pm
जनाब तेजवीर सिंह जी,आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

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