For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मन्नत - ( लघुकथा ) –

गोपाल की बीवी राधा सुबह से रट लगाये थी ,” शाम को  जल्दी दुकान बंद कर के आ जाना!संकट मोचन चलेंगे!आपको जब पीलिया हुआ था तब मैंने मन्नत बोली थी कि आपके स्वस्थ होने पर सात कन्याओं को जिमाऊंगी, पर अभी हाथ थोडा तंग है,बीमारी में ज़्यादा खर्चा हो गया, फ़िर कभी देखेंगे! अभी तो एक सौ एक रुपये का प्रसाद चढाकर काम चला लेते हैं”!

गोपाल के आते ही दौनों स्कूटर पर मंदिर पहुंच गये!

दर्शन कर बाहर निकले तो राधा की नयी चप्पल गायब और गोपाल की ज़ेब से पर्स  नदारद ! गनीमत थी कि राधा के पर्स में हज़ार दो हज़ार पडे थे !अब नंगे पैर कैसे जायेंगे, इसी हडबडी में,सामने एक नयी चप्पल दिखी तो राधा ने पहन ली!जल्दी से बाहर निकल कर जैसे ही स्कूटर में किक मारी, पीछे से दौडकर एक सिपाही ने रोक लिया!

"क्या हुआ दीवान जी"!

"अभी बताता हूं, एक मिनट रुकिये तो"!

इतनी देर में पीछे पीछे एक दंपत्ति भी आगया!

"देखिये मैडम,क्या यही हैं आपकी चप्पल"!

"जी हां, यही हैं"!

"चलिये थाने, बहुत दिन से नयी नयी चप्पल चोरी हो रही थी,आज पकड में आये हैं चप्पल चोर"!

राधा ने चप्पल उतार कर सफ़ाई दी,” मेरी भी ऐसी ही थी इसलिये गलती से पहन ली”!

वह परिवार तो चप्पल ले कर चला गया, मगर सिपाही तो राधा को थाने ले जाने पर ही अडा हुआ था!

एक दो समझदार लोग बीच में पडे तो हज़ार रुपये में मामला रफ़ा दफ़ा हुआ!

 

 मौलिक व अप्रकाशित

Views: 799

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on February 5, 2016 at 10:12am

हार्दिक आभार आदरणीय हरि प्रकाश दुबे जी!

Comment by Hari Prakash Dubey on February 2, 2016 at 2:09am

आदरणीय तेजवीर जी हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस रचना पर । सादर 

Comment by TEJ VEER SINGH on January 29, 2016 at 7:10pm

हार्दिक अभार आदरणीय सतविंदर कुमार जी!जिनकी नीयत में खोट होता है, उनका कोई ईमान धर्म नहीं होता!

Comment by TEJ VEER SINGH on January 29, 2016 at 7:09pm

हार्दिक अभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी!

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 29, 2016 at 2:52pm
बेहतरीन!मन्दिर जैसे स्थल को भी भ्रष्ट कमाई का धंधा बना लिया है लोगो ने।भगवान के घर में भी.......सुंदर कटाक्ष।बधाई आदरणीय तेजवीर जी।
Comment by Samar kabeer on January 29, 2016 at 2:45pm
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत ख़ूब शानदार ,इस प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें !
Comment by TEJ VEER SINGH on January 29, 2016 at 1:24pm

हार्दिक आभार आदरणीया डॉ प्राची सिंह  जी!आपने लघुकथा को अपना अमूल्य समय दिया!विस्तृत विवेचना की!मेरा परिश्रम सफ़ल हो गया!पुनः हार्दिक आभार!

Comment by TEJ VEER SINGH on January 29, 2016 at 1:21pm

हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायन वर्मा जी!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 29, 2016 at 12:22pm
मन्नत की अहमियत के प्रति समर्पण सिर्फ मन्नत पूरी होने तक
अपनी चप्पल चोरी होने का दुख,लेकिन फिर खुद भी चप्पल चुराना
हाथ तंग होने पर भी पुलिस के लिए निछावर का होना
इन तीनों शब्दचित्रों को बहुत स्पष्टता से उकेरती है आपकी ये प्रस्तुति। ऐसे विषय हमारे बिलकुल आसपास से उठाए होने के कारण पाठको की भरपूर हामी लेते हैं।
इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकारिये।
Comment by Shyam Narain Verma on January 29, 2016 at 10:41am
सुन्दर लघुकथा के लिये आपको बधाई ॥ सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
18 hours ago
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service