For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सोच असुरों सी करो मत दोस्तो - ग़ज़ल

2122    2122    212
**********************  
कब   यहाँ   पर्दा  उठाया  जाएगा
कब  हमें  सूरज दिखाया  जाएगा /1

थक गए हैं झूठ  की उँगली पकड़
सच का दामन कब थमाया जाएगा /2

सब   परेशाँ   तीरगी   से   दोस्तो
कब  दिया  कोई  जलाया जाएगा /3

है  सुरक्षा  खाद्य  की   कानून में
पर अनाजों  को  सड़ाया  जाएगा /4

दूर महलों से खड़ी कुटिया में फिर
इक  निवाला  बाँट  खाया जाएगा /5

यह समय है झूठ का कहते है सब
राम  को  रावण  बताया  जाएगा /6

सोच असुरों  सी करो  मत दोस्तो
खून  से  खुद के नहाया  जाएगा /7

***********************
मौलिक व अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी ‘मुसाफिर’

Views: 585

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 14, 2016 at 11:02am

आ0 भाई राहुल जी , गजल की प्रशंसा के लिए आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 14, 2016 at 11:02am

आ0 भाई आशुतोष जी गजल पर उपस्थित हो स्नेह जताने के लिए आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 14, 2016 at 11:01am

आ0 भाई रामबली जी, उपस्थिति से गजल का मान बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by Rahul Dangi Panchal on March 12, 2016 at 1:32pm
बहुत ही सुन्दर आदरणीय
Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 11, 2016 at 9:51am

आदरणीय लक्ष्मण भाई जी ..वर्तमान परिदृश्य का बखूबी चित्रण करती इस शानदार ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by रामबली गुप्ता on March 10, 2016 at 9:03pm
क्या बात कही आ.लक्षमण धामी जी
बेहतरीन गज़ल के लिए हार्दिक बधाई आपको
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 10, 2016 at 11:01am

आ० भाई सूबेसिंह जी प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 10, 2016 at 11:00am

आ० भाई समर कबीर  जी अपनी उपस्थिति से ग़ज़ल का मन बढ़ने के लिए हार्दिक आभार l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 10, 2016 at 10:59am

आ० भाई राम शिरोमणि  जी उत्साहवर्धन के लिए आभार l

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 10, 2016 at 10:58am

आ० भाई नरेंद्र  जी. प्रशंसा के लिए आभार l

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
12 minutes ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service