For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122 2122 2122 212
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
खो गया है अक्स असली ढूँढता है आईना।
होंठ पर मुस्कान नकली देखता है आईना।।

.

इक कहानी है लिखी जो रूप के इस पृष्ठ पर।
किसका हस्ताक्षर जटिल है पूछता है आईना।।
.
हाथ की सारी लकीरें जल गयीं तन्दूर में।
क्या पढ़ें किस्मत का लेखा सोचता है आईना।।
.

बालपन से ढ़ो रहा वो ईंट सर पर पूज्यवर।
भूख से संघर्ष का कल बाँचता है आईना।।
.

मर रहा था अस्थि का ढाँचा जिलानें के लिये।
बिक गयी माता के दुख को भाँपता है आईना।।
.

वात अनुकूलित भवन में नीति निर्माताओं से।
स्वेद टपकाता श्रमिक बन बोलता है आईना।।
.

जिस्म से जिसके ये सनई ब्रांड ख़ुश्बू फैलती।
नींव वो ही सभ्यता की खोजता है आईना।।
.

जिस जगह तुम रौब अपना झाड़ कर आये अभी।
आम है पर प्राण है सच जानता है आईना।।
.

मौलिक अप्रकाशित

Views: 478

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on June 2, 2016 at 8:13pm
आदरणीय अग्रज (गिरिराज भंडारी) को सादर प्रणाम
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on June 2, 2016 at 8:13pm
आदरणीय कल्पना भट्ट मैम सादर आभार और अभिवादन
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on June 2, 2016 at 8:12pm
आदरणीय कान्ता रॉय मैम सादर आभार और हार्दिक अभिवादन

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 2, 2016 at 6:27pm

आदरणीय पंकज भाई , बहुत खूब ! ग़ज़ल के लिये मुबारकबाद स्वीकार करें ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on June 2, 2016 at 3:33pm

हाथ की सारी लकीरें जल गयीं तन्दूर में।
क्या पढ़ें किस्मत का लेखा सोचता है आईना।।
.

बालपन से ढ़ो रहा वो ईंट सर पर पूज्यवर।
भूख से संघर्ष का कल बाँचता है आईना।।
.

मर रहा था अस्थि का ढाँचा जिलानें के लिये।
बिक गयी माता के दुख को भाँपता है आईना।।

बहुत खूब  आदरणीय पंकज जी |

Comment by kanta roy on June 2, 2016 at 11:02am
इक कहानी है लिखी जो रूप के इस पृष्ठ पर।
किसका हस्ताक्षर जटिल है पूछता है आईना।......आईने को बिम्बित करके बेहद खूबसूरत गजल कही है आपने आदरणीय पंकज जी ।बहुत बहुत बधाई आपको ।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on June 1, 2016 at 8:33pm
आदरणीय समर सर सादर प्रणाम
Comment by Samar kabeer on June 1, 2016 at 12:34pm
जनाब पंकज कुमार मिश्रा जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service