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तरही मिसरा:जनाब समर कबीर जी

खजां से अब खफ़ा मन हो गया है
कि बंजर आज गुलशन हो गया है।

रहे जिसकी इबादत में सदा हम
खफ़ा हमसे वो' भगवन हो गया है।

नशे में खो गयी सारी जवानी
सभी का खोखला तन हो गया है।

मिटा नफरत बसाया प्यार दिल में
"मेरे सीने की धड़कन हो गया है।"

करें खुशहाल हम अपने वतन को
उसी पर तो फ़िदा मन हो गया है।

चलो सचकी पकड़ के राह 'सत्तू'
सही सबका ही' जीवन हो गया है।


मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on September 8, 2016 at 5:04pm
आभार आदरणीया कल्पना दीदी।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 7, 2016 at 11:10pm

अरे वाह आदरणीय सत्विन्द्र भैया अच्छी ग़ज़ल हुई है |

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on September 6, 2016 at 5:08pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी सर,सादर वन्दन सँग आभार रचना पर उपस्थित होकर प्रोत्साहित करने के लिए।सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on September 6, 2016 at 5:04pm
श्रद्धेय सौरभ सर सादर वन्दे!आपसे अनुमोदन एवं सराहना पाना प्रयास को सार्थकता प्रदान करता है।सादर हार्दिक आभार श्रद्धेय!सादर नमन
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on September 6, 2016 at 4:14pm
प्रयास पर पुनः हाज़िर होकर हौंसला बढ़ाने के लिए तहेदिल शुक्रिया आदरणीय समर कबीर साहब।सादर वन्दे।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 6, 2016 at 12:16pm

आदरनीय सतविन्द्र भाई , अच्छी गज़ल हुई है , दिली मुबारक बाद कुबूल करें ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 5, 2016 at 1:32pm

एक बामानी मिसरे पर मानीखेज़ ग़ज़ल हुई है आदरणीय सतविन्द्र जी. उम्दा मिसरा और आपकी मेयारी कोशिश, ग़ज़लका उम्दा होना ही था. आपकी कोशिशें मुग्ध करती हैं.

सतत साधनारत रहें, आदरणीय. दिल की गहराइयों से दाद कह रहा हूँ. 

शुभेच्छाएँ 

Comment by Samar kabeer on September 5, 2016 at 10:39am
अब ये ठीक है सतविंदर भाई,पुनः बधाई आपको ।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on September 4, 2016 at 11:00pm
अनुमोदन एवं सरआहना के लिए सादर हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर जी।संशोधन का निवेदन क्र रहा हूँ।कृपया दोबारा गौर फरमाएं!
Comment by Samar kabeer on September 4, 2016 at 6:10pm
जनाब सतविंदर कुमार जी आदाब,नाचीज़ के मिसरे पर ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें ।
तीसरे शैर में क़ाफ़िया दोष है,देखियेग । इसी तरह गिरह का मिसरा लय में नहीं है,इसे भी दुरुस्त कीजियेगा ।

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