For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लघुकविता - "मेहरबानी" - अर्पणा शर्मा

" चूँकि,
मुश्किल थी,
देखभाल,
अंततः वह,
छोड़ ही आया,
वृद्धाश्रम में
माँ को,
वर्षों पहले,
इसी कारण से,
वह ले आई थी,
अनाथाश्रम से,
एक नन्हा बालक,
अपने घर को....!!"

मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 448

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Arpana Sharma on October 11, 2016 at 10:55am
मेरी रचना पर आपकी सराहना का बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी। अभी थोड़े समय पहले ही इस पोर्टल से जुड़ी हूँ ।धन्यवाद आपने मेरी रचना पढ़ने का सभ्य निकाला।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 10, 2016 at 5:32pm

बहुत खूब गागर में सागर भरती हुई आपकी ये लघु कविता बहुत अच्छी लगी शायद मैं आपको पहली बार पढ़ रही हूँ आपका बहुत बहुत स्वागत है |

Comment by Arpana Sharma on October 10, 2016 at 3:28pm
आदरणीय श्रीमान् कालीपद प्रसाद मंड़ल जी, आ.श्रीमान् सुशील सरना जी, आ.श्रीमान् सुरेश कुमार "कल्याण"जी- मेरी उक्त कविता पसंद करने के लिए आप सबका बहुत धन्यवाद एवं सादर नमन।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 8, 2016 at 3:25pm
आदरणीया अर्पणा जी मार्मिक रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें । सादर ।
Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 8, 2016 at 1:35pm

बहुत मार्मिक , विचारनीय विषय आदरणीया 

Comment by Sushil Sarna on October 8, 2016 at 12:49pm

वाह आदरणीया अर्पणा जी  ... एक संवेदनशील मार्मिक क्षणिका  ... वैसे समाज में गोद लिए अनाथ बच्चों के किस्से तो बहुत कम होंगे आजकल तो कोख़ जाई संतानें भी  यही कर रही हैं , यही नहीं आजकल तो वृद्ध भी ज़माने को देखते हुए अपने लिए वृद्धाश्रम ढूंढने लगे हैं।  बहरहाल इस मार्मिक प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
9 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
10 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service