2 2 2 2 2 2 2
-.-
पन्नो में घुल जाती हूँ
स्याही सी बह जाती हूँ
.
नाता बस मन से मेरा
भावो को कह जाती हूँ
.
जानूँ न* मैं छंद पिरोना
मन की तह बताती हूँ
.
न सुर है न लय सलीका
पाबन्दी तज जाती हूँ
.
खिलती भी हूँ सावन सी
पतझड़ सी झड़ जाती हूँ
.
सजा कर खुद को फिर से
पन्नो पर सज जाती हूँ
-.-
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आदरणीय समर कबीर जी ,सादर प्रणाम । क्षमा कीजियेगा बहुत दिन बाद रिप्लाई कर रही हूँ , बिटिया बीमार थी।
आपकी बात का मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगा मैं बहुत अच्छे से जानती हूँ की मैं शब्दो को स्वछंद छोड़ देती हूँ उन्हें बांध नहीं पाती, इसीलिए केवल मन के भाव ही लिख पाती हूँ।
इस मंच की सबसे अच्छी बात यही है की यहाँ गुणीजन सिखाने और दोष सुधार करने में पीछे नहीं हटते। मैं भी यहाँ सिखने की इच्छा से ही आई हूँ। आपकी सीख पर ध्यान देते हुए मैं प्रयासरत हूँ। चकित कर पाऊँगी या नहीं ये तो मैं नहीं जानती क्योंकि मेरा लेखन बेलगाम सा हो जाता है,पर मैं कोशिश जरूर करती रहूंगी । धन्यवाद । सादर।
जी, आदरणीय समर कबीर जी , नेक सलाह के लिए शुक्रिया ,वैसे ये जो भी लिखा है इसे किस श्रेणी में रखा जा सकता है। सादर।
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी ,बहुत धन्यवाद,बहुत अच्छे से बताया आपने ,अब दुबारा कोशिश करती हूँ। सादर।
आदरणीया अलका जी -- रच, बस, तह, तज, झर, सज. ये हमकाफिया नही हो सकते , अ की छोटी मात्रा की समानता को काफिया नही मानते ! वहीं अगर रचा , बसा, मिला , रहा ले लें हो आ काफिया मान सकते हैं ।
पन्नो में घुली जाती हूँ घुल + ई
स्याही सी बसी जाती हूँ - बस + ई करें तो ई काफिया मान सकते हैं । ये केवल समझाने के लिये है , अर्थ न देखें ।
आदरणीय सुनील प्रसाद(शाहाबादी) जी ,हौसला अफ़ज़ाई के लिए धन्यवाद। सादर।
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी नेक सलाह के लिए धन्यवाद मैंने कक्षा में ही सीखा है ....पर मुझसे गलती हो गई ,जब लिखने बैठती हु तो कुछ न कुछ भूल जाती हूँ। सुधार का प्रयास कर रही हूँ
क्या यह काफिया सही बन रहा है
रच, बस, तह, तज, झर, सज.
आभार। सादर।
आदरणीय गुणीजन कृपया बताने का कष्ट करे क्या यह काफिया सही बन रहा है
रच, बस, तह, तज, झर, सज.
। सादर आभार।
आदरनीया अलका जी, गज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है , पर आपकी ग़ज़ल मे काफिया ही नही है , और बिना फाफिया के गज़ल होती ही नही , हाँ बिना रदीफ ग़ज़ल हो सकती है । मुझे लगता है आपको मंच मे उपलब्ध '' गज़ल की बातें '' का गंभीरता से अध्ययन करना चाहिये एक दो बार ।
प्रयास के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ , प्रयास ज़ारी रखियेगा ।
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