For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"इंतजार .." कविता/ अर्पणा शर्मा

कुछ प्रतीक्षा सी रहती है,
इक अनकहा सा इंतजार होता है,
हालातों में जहाँ,
सब कुछ मुश्किल,
अनिश्चित और दुश्वार होता है,
जीवन जब अनमना सा,
केवल जीने का व्यापार होता है,
कल्पनाओं में मन की,
कहीं कोई चमत्कार होता है,
कभी सोचते हैं हम
कहीं से आकर कोई हमदम,
कर देगा सबकुछ,
बिल्कुल ठीक और उत्तम,
प्रार्थनाओं और दुआओं में,
यही इज़हार होता है,
मनचाही खुशियाँ पाने को,
दिल सबका बेकरार होता है,
हर मन की परतों में कहीं दबा,
यही इंतज़ार होता है,
कि दुआएं कब असर लाती हैं,
और मन्नतों का निसार होता है,
सुख में-दुख में हर कहीं,
कुछ प्रतीक्षा सी रहती है,
इक अनकहा सा इंतजार होता है...!
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 1628

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Arpana Sharma on November 9, 2016 at 1:02pm
आदरणीय श्रीमान् विजय निकोरे जी- आपकी सराहना का बहुत धन्यवाद ।
Comment by vijay nikore on November 9, 2016 at 6:27am

इस सुन्दर कविता के लिए बधाई

Comment by Arpana Sharma on November 7, 2016 at 3:12pm
आदरणीया कल्पना भट्ट जी, आदरणीय श्रीमान् सुशील सरना जी एवं आदरणीय श्रीमान् समर कबीर जी - आप सभी की शुभेच्छाओं और सराहना का बहुत आभार , सादर नमन।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on November 7, 2016 at 2:55pm
बढ़िया कविता लिखी है आपने आदरणीया । हार्दिक बधाई ।
Comment by Samar kabeer on November 6, 2016 at 5:36pm
मोहतरमा अर्पणा शर्मा जी आदाब,बढ़िया कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sushil Sarna on November 6, 2016 at 2:25pm

यही इंतज़ार होता है,
कि दुआएं कब असर लाती हैं,
और मन्नतों का निसार होता है,
सुख में-दुख में हर कहीं,
कुछ प्रतीक्षा सी रहती है,
इक अनकहा सा इंतजार होता है...!

वाह आदरणीया अर्पणा जी .... अंतर्मन के भावों का सुंदर सम्प्रेषण हुआ है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"२१२२ २१२२ २१२२ २१२ अब तुम्हारी भी रगों में खूँ उबलना चाहिए ज़ुल्म करने वालों का सीना दहलना…"
8 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"इसमें एडमिन की सहायता लगेगी आपको।"
11 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"अभी तो तात्कालिक सरल हल यही है कि इसी ग़ज़ल के किसी भी अन्य शेर की द्वितीय पंक्ति को गिरह के शेर…"
22 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. तिलकराज सर, मैंने ग़ज़ल की बारीकियां इसी मंच से और आप की कक्षा से ही सीखीं हैं। बहुत विनम्रता के…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"परम आदरणीय सौरभ पांडे जी व गिरिराज भंडारी जी आप लोगों का मार्गदर्शन मिलता रहे इसी आशा के…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। 'मिलना' को लेकर मेरे मन में भी प्रश्न था, आपके…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"2122 2122 2122 212 दोस्तों के वास्ते घर से निकलना चाहिए सिलसिला यूँ ही मुलाक़ातों का चलना चाहिए…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय तिलक जी नमस्कार  बहुत बहुत आभार आपका ,ये प्रश्न मेरे मन में भी थे  सादर "
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"इस बार के तरही मिसरे को लेकर एम प्रश्न यह आया कि ग़ज़ल के मत्ले को देखें तो क़ाफ़िया…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति औल स्ने के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। 6 शेर के लिए आपका सुझाव अच्छा…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. प्राची बहन, सादर अभिवादन।गजल आपको अच्छी लगी, लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service