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इस प्रस्तुति को नवगीत की संज्ञा न दें, आदरणीय. प्रस्तुति साहित्यिक गेय रचना की श्रेणी की ही है. इसे साहित्यिक गीत कह सकते हैं. नवगीत अपने कथ्य और इंगितों के कारण एक विशिष्ट विधा है.
आपकी प्रस्तुति अवश्य पठनीय हुई है. छन्द के विधान पर आपकी आनुशासनिक पकड़ और प्रकृति-पुष्प हरसिंगार का सुन्दर शाब्दिक वर्णन बरबस ध्यान खींचते हैं और आपके साहित्यिक प्रयासों पर पाठकों से भूरि-भूरि प्रशंसा बटोर लेने का माद्दा रखते हैं.
आपकी इस रचना केलिए हृदयतल से बधाई.
छ्न्द अच्छा है। बधाई।
छंद बंधन एतु बधाई ,, आदरनीय
आदरनीय सतविन्द्र भाई , हरशृंगार पर बहुत जानदार रोला गीत रचा अहि आपने , हार्दिक बधाई आपको ।
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