For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुसाफ़िर थोड़े हूँ, मैं रास्ता हूँ (ग़ज़ल)

1222 1222 122

विरह की ठंड से जब काँपता हूँ।
तेरी यादों की चादर ओढ़ता हूँ।

पहुंचना ही नहीं मुझको कहीं पर
मुसाफ़िर थोड़े हूँ, मैं रास्ता हूँ।

न जाने कौन मुझको मिल गया है
कई दिन से मैं ख़ुद से लापता हूँ

बस इक उम्मीद का आलम है ये, मैं
हर आहट पर उचक कर देखता हूँ।

हुआ है ख़ाक कब का जिस्म मेरा
मैं अब तक उसमें दिल को ढूंढता हूँ।

उफनता है तेरी यादों का दरिया
मैं रफ़्ता-रफ़्ता उसमें डूबता हूँ।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 545

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on December 27, 2016 at 8:46pm
हुआ है ख़ाक कब का जिस्म मेरा
मैं अब तक उसमें दिल को ढूंढता हूँ।

वाह वाह वाह, आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी, अच्छी गजल हुयी है, दाद हाजिर हैं।
Comment by जयनित कुमार मेहता on December 27, 2016 at 8:43pm

आप सभी आदरणीय सदस्यों के प्रति आत्मीय आभार प्रकट करता हूँ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 25, 2016 at 3:31pm
वाह बहुत ही उम्दा
Comment by नाथ सोनांचली on December 13, 2016 at 1:43am
आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी सादर अभिवादन, बहुत बेहतरीन गजल कही आपने, शैर दर शैर दाद के साथ बधाई कबूल फरमाएँ

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 8, 2016 at 11:49pm

आदरणीय जयनित जी, बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. हार्दिक बधाई. सादर 

Comment by Sushil Sarna on December 8, 2016 at 6:19pm

विरह की ठंड से जब काँपता हूँ।
तेरी यादों की चादर ओढ़ता हूँ।

पहुंचना ही नहीं मुझको कहीं पर
मुसाफ़िर थोड़े हूँ, मैं रास्ता हूँ।

वाह बहुत सुंदर ग़ज़ल कही है आदरणीय जयनित कुमार जी। हार्दिक बधाई।

Comment by Shyam Narain Verma on December 8, 2016 at 2:58pm
बहुत खूब , हार्दिक बधाई ।
Comment by Samar kabeer on December 8, 2016 at 2:28pm
जनाब जयनित कुमार मेहता जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल है, दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
19 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
19 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service