For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वागीश्वरी सवैये

वागीश्वरी सवैये सूत्र : यगण X 7 + ल गा

अभी तो अकेले चले हैं मियाँ जी ,न कोई वहां है न कोई यहां ।
यहां कौन है जो बताये जहां को,कि बाबू चले हैं अकेले कहां ।

जहाँ जा रहे हैं रहेंगे अकेले,मिलेगा न साथी उन्हें तो वहाँ ।
पता है हमें ख़ूब यारों यक़ीं है, करेगा उन्हें याद सारा जहाँ ।।
_________

निगाहें उठाके ज़रा देख तो लो ,बताओ यहाँ क्यूँ अकेले खड़े ।
हमें ये बता दो बिना बात के ही,भला जान देने यहाँ क्यूँ अड़े।

जहाँ में न कोई हमें तो मिला है,कहो कौन ऐसे क़ज़ा से लड़े ।
हमारा कहा मान लो देख लो जी,यहाँ भी वहाँ भी शिकारी बड़े ।।

--समर कबीर
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 757

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on December 20, 2016 at 9:10pm
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,रचना आपको पसंद आई लिखना सार्थक हुआ,सराहना के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Mahendra Kumar on December 16, 2016 at 8:30pm
आदरणीय समर सर, बहुत ही बेहतरीन रचना है आपकी। दिल को छू गयी। मेरे तरफ से दिल से बधाई स्वीकार करें। सादर।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2016 at 10:44pm
जनाब रवि शुक्ल जी आदाब,सवैये की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2016 at 10:43pm
जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब,सवैये की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2016 at 10:43pm
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,सवैये की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2016 at 10:42pm
जनाब वासुदेव अग्रवाल जी आदाब,सवैये की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2016 at 10:40pm
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,सवैये की सराहना हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2016 at 10:39pm
जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब,छन्दों पर अभी और पकड़ मज़बूत करना है,प्रयास बराबर जारी है ,सवैया आपको पसंद आये,लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साहवर्धन के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2016 at 4:53pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,सवैये की सराहना के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on December 15, 2016 at 4:52pm
जनाब सुशील सरना जी आदाब,सवैये आपको पसंद आये लिखना सार्थक हुआ,सराहना के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service