For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हैपी चौकलेट डे ....//डॉ० प्राची

Happy Chocolate Day
एक चौकलेटी गीत के साथ

बंद करो इस लुका-छिपी को
दिल का हर इक राज बताओ,
चौकलेट्स लिये तोहफ़े में
आओ पास अभी आ जाओ।

कुछ मुस्काकर कुछ इतराकर
परतें चलो सुनहरी खोलें,
इक दूजे का मीठापन रख
आज जुबाँ में मिसरी घोलें,

छोड़ो मन की भूल-भुलैया
आओ जल्दी हाथ मिलाओ। चौकलेट्स...

जो मैं बोलूँ वो तुम समझो
मैं भी समझूँ जो तुम बोलो,
पास बैठ कर, हँस कर रो कर
दिल की सारी गाँठें खोलो,

कितना बोझ लिये फिरते हो
बातें मत इतनी उलझाओ।चौकलेट्स...

कैंडल लाइट डिनर लौंग ड्राइव
पर आओ हम-तुम चलते हैं ,
बाँहों में बाँहें डाले फिर
प्यार भरी बातें करते हैं ,

तुम रूठो तो तुम्हें मना लूँ
मैं रूठूँ तो मुझे मनाओ । चौकलेट्स...

मौलिक और अप्रकाशित
डॉ० प्राची सिंह

Views: 517

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 13, 2017 at 4:57pm

यूं ही कुछ सहज सरल लिखने को मन हुआ अनायास ही 

तो ये गीत लिख दिया...

इस गीत पर भी आप सबकी सराहना और उपस्थिति के लिए हृदय से धन्यवाद 

सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 12, 2017 at 8:48pm

अरीत्तिरीकी.. ! ग़ज़ब ! कॉलेज ज्वाइन कर लीं क्या ? .. मुबारक हो.. :-))

तुम रूठो तो तुम्हें मना लूँ / मैं रूठूँ तो मुझे मनाओ .. जय-जय ! 

इस फ्लैशी गीत के लिए दिल से बधाइयाँ, आदरणीया प्राची जी. 

सादर

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 10, 2017 at 10:53pm
आपकी लेखनी का यह अंदाज बहुत बढ़िया लगा। बहुत सुंदर प्रस्तुति के लिए सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय डॉ. प्राची जी।
Comment by Samar kabeer on February 9, 2017 at 9:04pm
मोहतरमा डॉ.प्राची सिंह साहिबा आदाब,बढ़िया गीत लिखा आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 9, 2017 at 11:25am

आदरणीया प्राची जी ..जीवन को जीने के अंदाज सिखाता, नसीहत देता, मन को खुशिया देता , गीत की शिल्प के ज्ञान में इजाफा करता इस मनभावन मार्मिक गीत के लिए ढेर सारी बधाई सादर प्रणाम के साथ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"तुझे तेज धारा उधर ले न जाए   जिधर उठ रहे हैं भंवर धीरे धीरे। ("संभलना" शब्द के…"
34 minutes ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय दयाराम जी शुक्रिया  हौसला अफज़ाई केलिए       "
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय अजय गुप्ता जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ग़ज़ल अच्छी हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय रिचा यादव जी, ग़ज़ल अच्छी हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय पूनम जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, पोस्ट पर आपकी टिप्पणी व सुझाव के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय तिलकराज जी, पोस्ट पर आपकी टिप्पणी व सुझाव के लिए हार्दिक आभार। मतले में सुधार के लिए कुछ…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"" वहाँ मैं भी पहुँचा मगर धीरे धीरे" मुहब्बत  घटी   घर  इधर …"
4 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जी अबपोस्ट की ग़ज़ल  गिरहके  साथ        "
4 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरे जलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे मचाया हवाओं ने कुहराम ऐसा गिरा टूट कर…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। आ. भाई तिलकराज जी की बात से सहमत…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service