For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (दोस्तों की महरबानी हो गई )

ग़ज़ल (दोस्तों की महरबानी हो गई )
----------------------------------------------
फ़ाईलातुन--फ़ाईलातुन --फाइलुन

यूँ न उनको बदगुमानी हो गई |
दोस्तों की महरबानी हो गई |

भूल बचपन के गये वादे सभी
उनको हासिल क्या जवानी हो गई |

नुकताची को क्या दिखाया आइना
उसकी फ़ितरत पानी पानी हो गई |

यूँ नहीं डूबा है मुफ़लिस फ़िक्र में
उसकी बेटी भी सियानी हो गई |

अजनबी के साथ क्या कोई गया
ख़त्म उलफत की कहानी हो गई |

रास्ता जब से सदाक़त का चुना
और मुश्किल ज़िंदगानी हो गई |

कुछ तो है तस्दीक़ उनकी शक्ल में
यूँ नही दुनिया दिवानी हो गई |

( मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 556

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 21, 2017 at 9:59pm

मुहतरम जनाब गिरिराज साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला
अफज़ाइ का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी ----

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 21, 2017 at 9:59pm

मुहतरम जनाब रवि साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला
अफज़ाइ का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी ----


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 21, 2017 at 3:35pm

आदरणीय तस्दीक भाई , बेहतरीन गज़ल कही है , सभी अशआर खूब कहे हैं ... हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें ।

Comment by Ravi Shukla on March 21, 2017 at 11:53am

आदरणीय तस्‍दीक साहब बहुत अच्‍छी अौर असरदारगजल कहीं आपने बहुत बहुत मुबारक बाद आपको इस गजल के लिये । सादर

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 19, 2017 at 7:41pm

मुहतरम जनाब आरिफ़ साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला
अफज़ाइ का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी ---

Comment by Mohammed Arif on March 19, 2017 at 6:37pm
आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी आदाब, बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल । शेर दर शेर दाद के साथ मुबारक़बाद क़ुबूल कीजिए ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
16 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service