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ग़ज़ल -जब ग़लत हो नामवर, तो चुप रहें - ( गिरिराज )

2122    2122    212

धारणायें हों मुखर, तो चुप  रहें

सच न पाये जब डगर, तो चुप  रहें

  

शब्द ज़िद्दी और अड़ियल जब लगें

और ढूँढें, अर्थ अगर तो चुप  रहें

 

जब धरा भी दूर हो आकाश भी

आप लटके हों अधर, तो चुप  रहें

 

कृष्ण हो जाये किशन, स्वीकार हो

शह्र पर जब हो समर तो चुप रहें

 

सीखने वालों पे यारों पिल पड़ें

जब ग़लत हो नामवर, तो चुप  रहें

 

तेल औ’र पानी मिलाने के लिये

कोशिशें देखें  अगर, तो चुप  रहें

******************************

( आ. पाठकों से एवँ आ. समर कबीर जी से अनुरोध है - चौथे शेर मे आये शब्द - समर = युद्ध लें )
मौलिक एवॅँ अप्रकाशित

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Comment by Mahendra Kumar on April 13, 2017 at 7:35pm
आदरणीय गिरिराज सर, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही आपने। दिल से बधाई प्रेषित है। सादर।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 12, 2017 at 11:19pm
वाह आदरणीय वाह हर एक शेर बेहद खूबसूरत..गहरे अर्थ लिए हुए..आदर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2017 at 9:15pm

हा.... हा... हा...,  ज़रूर .. आदरनीय .. ये मेरा सौभाग्य होगा ... आप या कोई भी उस्ताद शायर मेरी ज़मीन पर गज़ल कहे ... । शुक्रिया .. आपका ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on April 12, 2017 at 8:58pm

हुज़ूर... जब इस पर तरही कहेंगे तो खपा लेंगे इसे हम :))))


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2017 at 8:51pm

आदरणीय नीलेश भाई , हौसला अफज़ाई का शुक्रिया । आपका शे र भी लाजवाब है ..लेकिन .// एक शेर मैं भी जोड़ना चाहता हूँ इस में //...
.  इस गज़ल मे कैसे जुड़ेगा भाई ...  ?


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2017 at 8:48pm

आदरनीय लक्ष्मण भाई , सराहना कर उत्साह वर्धन के लिये आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2017 at 8:47pm

आदरणीय बैज नाथ भाई , उत्साह वर्धन के लिये आभार आपका


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2017 at 8:47pm

आदरणीय सौरभ भाई , जय जय ... गज़ल पर उपस्थिति हो कर उत्साह वर्धन के लिये आभार आपका ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2017 at 8:46pm

आदरनीय समर भाई , उत्साह वर्धन के लिये हृदय से आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2017 at 8:45pm

आदरनीय सत्य नारायण भाई , गज़ल पर उपस्थिति और उत्साह वर्धन के लिये आपका हृदय से आभार ।

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