For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल --कश्मीर हमारा है हमारा ही रहेगा

221 1221 1221 122
भारत की बुलन्दी का सितारा ही रहेगा ।
कश्मीर हमारा है हमारा ही रहेगा ।।

हालात बदलने में नहीं देर लगेगी ।
प्यारा है हमें मुल्क तो प्यारा ही रहेगा ।।

हम एक थे हम एक हैं हम एक रहेंगे ।
यह दर्द तुम्हारा है तुम्हारा ही रहेगा ।।

बरबाद नहीं होगी शहीदों की निशानी ।
इतिहास में हारा है तू हारा ही रहेगा ।।

ऐ पाक कहाँ साफ़ रहा है तेरा दामन ।
है तुझ से किनारा तो किनारा ही रहेगा ।।

यह ख्वाब न् पालो के कभी तोड़ सकोगे ।
यह ख्वाब कुँवारा है कुँआरा ही रहेगा ।।

फंडिंग के लिए देख मेरा काम जबाबी ।
हर वार करारा है करारा ही रहेगा ।।

बेशर्म हिमाकत से यूँ पत्थर न् चलाओ ।
किस्मत का तू मारा है तो मारा ही रहेगा ।।

--- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 604

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on June 3, 2017 at 4:32pm
आ0 मोहम्मद आरिफ साहब तहे दिल से शुक्रिया
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 3, 2017 at 4:31pm
आ0 गुरुप्रीत सिंह जी सप्रेम आभार
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 3, 2017 at 4:30pm
आदरणीया कल्पना भट्ट जी सादर नमन
Comment by Naveen Mani Tripathi on June 3, 2017 at 4:29pm
आ0 बृजेश कुमार ब्रज जी सादर आभार मित्र
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 3, 2017 at 10:02am
बहुत ही सुन्दर और प्यारी ग़ज़ल हुई..सादर
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on June 3, 2017 at 7:14am

इस प्यारी सी ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन जी

Comment by Gurpreet Singh jammu on June 1, 2017 at 9:44am

इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आदरणीय नवीन जी 

Comment by Mohammed Arif on June 1, 2017 at 8:17am
आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, कश्मीर को लेकर जो जज़्बात आपने ग़ज़ल में ढाले हैं बहुत ही बेहतरीन है । बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on May 31, 2017 at 4:03pm
आ0 श्याम नारायण वर्मा जी सादर आभार ।
Comment by Shyam Narain Verma on May 31, 2017 at 3:41pm

सुन्दर भावों से सजी इस गज़ल के लिए आपको बहुत बधाई।

सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
12 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 16

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service