मापनी २२ २२ २२ २२
झील सी गहरी नीली आँखें
हैं कितनी सकुचीली आँखें
खो देता हूँ सारी सुध बुध
उसकी देख नशीली आँखें
यादों के सावन में भीगीं
हो गईं कितनी गीली आँखें
मोम बना दें पत्थर को भी
छोटी सीली सीली आँखें
राह तुम्हारी तकते तकते
हो गईं हैं पथरीली आँखें
बढती बेलें देख के’ अपनी
होतीं हैं गर्वीली आँखें
प्रेम अगन सुलगाने को तो
हैं माचिस की तीली आँखें
गम तो है वैसे का वैसा
रोतीं खाली-पीली आँखें
सुन लेतीं सब कह देतीं सब
कहने को शर्मीली आँखें
"मौलिक एवं अप्रकाशित "
Comment
आद० बसंत कुमार जी,बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है शेर दर शेर मुबारकबाद कुबूलें | ग़ज़ल पर चर्चा भी खूब हुई है जिसको पढ़कर मेरा मानना तो यही है की जो शब्द किसी शब्दकोश में ही नहीं है उसको अपनी ग़ज़ल में क्यों इस्तेमाल करें कई बार अनजाने में हो जाता है तो यहाँ मंच के विद्वद्जंन इंगित करते हैं मार्ग दर्शन करते हैं तो वो एक लेखक की भलाई के लिए ही कहते हैं जैसे की यहाँ साजिशन शब्द की भी चर्चा हुई है तो सच पूछो तो जो आद० समर भाई जी ने कहा वो ही मेरे मन में कहने के लिए आया था किन्तु फिर देखा समर भाई जी पहले ही कह चुके हैं साजिशन शब्द किसी हिंदी या उर्दू के शब्दकोश में फिलहाल तो नहीं है जब दूसरा विकल्प ले सकते हैं तो उसी शब्द की हिमायत करना नवांकुरों को भी भ्रमित करने जैसा हो जाएगा | आद० गिरिराज जी ने भी इस बात को स्वीकारा है क्यूंकि वे खुद एक सुलझे हुए गज़लकार हैं जानते हैं की मोहतरम समर भाई जी कोई बात करते हैं तो मजबूत तथ्यों के आधार पर ही कहते हैं | यही बात इस ग़ज़ल में भी है सकुचीली शब्द होता ही नहीं है सकुचाई हो सकता है किन्तु सकुचीली नहीं
इसी लिए पाठकों ने इंगित भी किया है | अतः जो बात सही है उसे मानना चाहिए व्यर्थ की बहस में न पडकर इस सीखने सिखाने के मंच से लाभान्वित होना चाहिए |
आदरणीय नीरज कुमार जी , हो सकता है , लोग अधिकतर शर्मीली का उपयोग करते हैं, कुछ नयापन लाने के लिए मैंने यह प्रयोग किया है, सादर
आदरणीय बसंत जी,
'सकुचीली' का हिंदी साहित्य में प्रयोग मेरी नज़र से नहीं गुज़ारा. सामान्य भाषा में भी इसके प्रयोग कि स्थिति इस बात से समझी जा सकती है कि गूगल पर सर्च करने पर इसकी इंट्री ही नहीं मिलती.
सादर
जनाब समर कबीर साहब, आदाब,
''साजिशन'की कोई एक मिसाल पेश कीजिये,अगर ये आम है तो,और मिसाल गूगल से नहीं साहित्य से पेश कीजियेगा,शुक्रगुज़ार रहूँगा'
तात्कालिक तौर पर कविताकोश से कुछ उदहारण :
वही सनातन स्त्री
जिसकी दुनिया घूमती है
एक छोटे दायरे में साजिशन
और ताना भी सुनती है वही
कि नहीं है बड़े दायरे के लायक
- रंजना जायसवाल
साजिशन फुसफुसा रहे है कानों में
इशारों में समझ रहे हैं टीलों को लूट लेने के गुर
सुनहरी रेत उनकी आंखों में
शुद्ध सोने-सी चमक रही है
- अश्वनी शर्मा
प्रस्तावित स्मारक-स्थल पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ राजेन्द्र् प्रसाद द्वारा वर्ष १९५९ में जो शिलापट स्थापित किया गया था, उसे भी साजिशन उखड़वा कर गायब कर देना न केवल तत्कालीन राष्ट्रपति महोदय की अवमानना है, वास्तविक ऐतिहासिक तथ्यों को मिटाने का कुत्सित प्रयास भी है.
.
- कृष्ण कुमार राय, ‘प्रेमचंद की शेष रचनाएं’ की भूमिका
सकुचीली का अर्थ
source https://hi.wiktionary.org/wiki//विक्षनरी:हिन्दी-हिन्दी/स
सकुचीला वि० [हिं० सकुच + ईला (प्रत्य०)] [वि० स्त्री० सकुचीली] जिसे अधिक संकोच हो। संकोच करनेवाला। शरमीला।
http://shabdkosh.raftaar.in/Meaning-of-सकुचीली-in-Hindi
Meaning of सकुचीली in Hindi
आदरणीय C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" जी आपका दिल से शुक्रिया, मुग्ध हूँ आपकी मनभावन प्रतिक्रिया पर, रचना सार्थक हुई.
आदरणीय Niraj Kumar जी औसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया,
जितनी मुझे जानकारी है, हिंदी में ऐसे शब्दों का प्रयोग होते हैं जैसे लजाना > लजीली , शर्माना >शर्मीली , ऐसे ही सकुचाना > सकुचीली
इस शब्द पर मंच पर चर्चा हो तो मुझे भी अच्छा लगेया और ज्ञान बढेगा.
यूँ ही स्नेह बनाये रखें, सादर.
आदरणीय Samar kabeer जी हौसलाफजाई का दिल से शुक्रिया , यूँ ही स्नेह बनाये रखें
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