212 1222 212 1222
तेरे प्यार में दिल को बेक़रार करते हैं
रात - रात भर तेरा इंतज़ार करते हैं
-
तुमको प्यार करते थे तुमको प्यार करते हैं
जाँ निसार करते थे जाँ निसार करते हैं
-
ख़ुश रहे हमेशा तू हर ख़ुशी मुबारक हो
ये दुआ खुदा से हम बार - बार करते हैं
-
उँगलियाँ उठाते हैं लोग दोस्तों पर भी
हम तो दुश्मनों पर भी ऐतबार करते हैं
-
वादा उसका सच्चा है लौट के वो आएगा
इस उमीद पर अब भी इंतज़ार करते हैं
-
हम तो जान दे देते उनके इक इशारे पर
आशिक़ों में वो हमको कब शुमार करते हैं
-
फूल सा खिला चेहरा आँख वो ग़ज़ालों सी
मेरे ख़्वाब में आकर बेकरार करते हैं
---
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online