For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सागर जैसी आॅंखों में,
बहते हुए हीरे मेरी माॅं के हैं,
होठों के चमन में,
झड़ते हुए फूल, मेरी माॅं के हैं,
काॅंटों की पगडंडियों में,
दामन के सहारे मेरी माॅं के हैं,
गोदी के बिस्तर में,
प्यार की चादर मेरी माॅं की हैं,
प्यासे कपोलों,
पर छलकते ये चुंबन मेरी माॅं के हैं,
ईश्वर से मेरी,
कुशलता की कामना मेरी माॅं की हैं,
इतराता हूॅं इतना,
पाकर यह जीवन,
मेरी माॅं का है।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 511

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 29, 2017 at 7:25pm
अच्छा प्रयास
Comment by Samar kabeer on November 28, 2017 at 10:55am
इन त्रुटियों को ऐडिट कीजिये ।
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 27, 2017 at 9:35pm

आदरणीय दादा श्री समर कबीर जी, आपके मार्गदर्शन हेतु मैं आपका सर्वदा ऋणी रहूंगा। इसी तरह अपका आशीर्वाद मुझे प्राप्त होता रहे। सादर आभार।

Comment by Manoj kumar shrivastava on November 27, 2017 at 9:30pm

आदरणीय श्री उस्मानी जी , आपकी बधाईयां मैं शिरोधार्य करता हूं। आशा करता हेूं कि आपका स्नेह और आशीर्वाद इसी तरह मुझे प्राप्त होता रहेगा। सादर आभार।

Comment by Samar kabeer on November 27, 2017 at 9:23pm
जनाब मनोज कुमार जी आदाब,कविता के भाव तो अच्छे हैं लेकिन शिल्प और व्याकरण का ध्यान रखना भी आवश्यक है ।

'झड़ते हुए फूल मे मेरी माँ के हैं'
इस पंक्ति में 'मे' क्या है?
'प्यार का चादर मेरी माँ का हैं'"की है"होना चाहिए ।
इस पंक्ति में 'चादर'शब्द स्त्रीलिंग है, और अंत में 'हैं'?
'कुशलता की कामना मेरी माँ के हैं'
इस पंक्ति में 'कामना'स्त्रीलिंग है'
"कुशलता की कामना मेरी माँ की है'ऐसे होना चाहिए ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 27, 2017 at 9:00pm
बेहतरीन भावपूर्ण सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मनोज कुमार श्रीवास्तव जी।
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 27, 2017 at 8:03am

इस समर्थन पर आपका कोटिशः आभार आदरणीय आरिफ जी

Comment by Mohammed Arif on November 26, 2017 at 6:13pm
माँ को केंद्र में रखकर लिखीं गई बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 26, 2017 at 9:48am
सादर आभार आदरणीय प्रसाद जी, आपका स्नेह और आशीर्वाद बना रहे।
Comment by Kalipad Prasad Mandal on November 26, 2017 at 9:16am

आदरणीय मनोज जी बहुत सुन्दर प्रयास है | सादर नमन 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
18 minutes ago
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
14 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
14 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
14 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service