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सागर जैसी आॅंखों में,
बहते हुए हीरे मेरी माॅं के हैं,
होठों के चमन में,
झड़ते हुए फूल, मेरी माॅं के हैं,
काॅंटों की पगडंडियों में,
दामन के सहारे मेरी माॅं के हैं,
गोदी के बिस्तर में,
प्यार की चादर मेरी माॅं की हैं,
प्यासे कपोलों,
पर छलकते ये चुंबन मेरी माॅं के हैं,
ईश्वर से मेरी,
कुशलता की कामना मेरी माॅं की हैं,
इतराता हूॅं इतना,
पाकर यह जीवन,
मेरी माॅं का है।

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 29, 2017 at 7:25pm
अच्छा प्रयास
Comment by Samar kabeer on November 28, 2017 at 10:55am
इन त्रुटियों को ऐडिट कीजिये ।
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 27, 2017 at 9:35pm

आदरणीय दादा श्री समर कबीर जी, आपके मार्गदर्शन हेतु मैं आपका सर्वदा ऋणी रहूंगा। इसी तरह अपका आशीर्वाद मुझे प्राप्त होता रहे। सादर आभार।

Comment by Manoj kumar shrivastava on November 27, 2017 at 9:30pm

आदरणीय श्री उस्मानी जी , आपकी बधाईयां मैं शिरोधार्य करता हूं। आशा करता हेूं कि आपका स्नेह और आशीर्वाद इसी तरह मुझे प्राप्त होता रहेगा। सादर आभार।

Comment by Samar kabeer on November 27, 2017 at 9:23pm
जनाब मनोज कुमार जी आदाब,कविता के भाव तो अच्छे हैं लेकिन शिल्प और व्याकरण का ध्यान रखना भी आवश्यक है ।

'झड़ते हुए फूल मे मेरी माँ के हैं'
इस पंक्ति में 'मे' क्या है?
'प्यार का चादर मेरी माँ का हैं'"की है"होना चाहिए ।
इस पंक्ति में 'चादर'शब्द स्त्रीलिंग है, और अंत में 'हैं'?
'कुशलता की कामना मेरी माँ के हैं'
इस पंक्ति में 'कामना'स्त्रीलिंग है'
"कुशलता की कामना मेरी माँ की है'ऐसे होना चाहिए ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 27, 2017 at 9:00pm
बेहतरीन भावपूर्ण सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मनोज कुमार श्रीवास्तव जी।
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 27, 2017 at 8:03am

इस समर्थन पर आपका कोटिशः आभार आदरणीय आरिफ जी

Comment by Mohammed Arif on November 26, 2017 at 6:13pm
माँ को केंद्र में रखकर लिखीं गई बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 26, 2017 at 9:48am
सादर आभार आदरणीय प्रसाद जी, आपका स्नेह और आशीर्वाद बना रहे।
Comment by Kalipad Prasad Mandal on November 26, 2017 at 9:16am

आदरणीय मनोज जी बहुत सुन्दर प्रयास है | सादर नमन 

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