For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बचपन को फिर देख रहा हॅूं,

बचपन को फिर देख रहा हॅूं,
विद्यालय का प्यारा आॅंगन,
साथी-संगियों से वह अनबन,
गुरू के भय का अद्भुत कंपन,
इन्हीं विचारों के घेरे में,
मन को अपने सेंक रहा हूॅं,
बचपन को फिर देख रहा हॅूं,
निष्छल मन का था सागर,
पर्वत-नदियों में था घर,
उछल-कूद कर जाता था मैं,
गलती पर डर जाता था मैं,
लेकिन आज यहाॅं पर फिर से,
गल्तियों का आलेख रहा हूॅं,
बचपन को फिर देख रहा हॅूं,
चिर लक्ष्य का स्वप्न संजोया,
भावों का मैं हार पिरोया,
मेहनत की फिर कड़ी बनाई,
उस पर मैंने दौड़ लगाई,
वह बचपन का महासमर था,
अब पचपन को देख रहा हूॅं।


मौलिक व अप्रकाशित

Views: 568

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 2, 2017 at 9:25pm
आदरणीया राजेश कुमारी जी, आपका कोटिशः आभार। आपसे सतत मार्गदर्शन की अपेक्षा है।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 2, 2017 at 8:01pm

अच्छी रचना मनोज कुमार जी बहुत बहुत बधाई 

Comment by Manoj kumar shrivastava on December 2, 2017 at 8:43am
कोटिशः आभार स्वीकारिये आदरणीय मुसाफिर जी।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 1, 2017 at 1:39pm
आ. भाई मनोज जी. अच्छी रचना हुई है । बधाई ।
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 28, 2017 at 5:36pm
आदरणीय श्री मोहम्मद आरिफ जी,सादर अभिवादन!कविता पर समर्थन हेतु आपका कोटिशः आभार, आपका स्नेह बना रहे।
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 28, 2017 at 5:35pm
आदरणीय दादा श्री समर कबीर जी प्रणाम। उत्साहवर्धन हेतु कोटिशः आभार स्वीकार करें।
Comment by Samar kabeer on November 28, 2017 at 5:30pm
जनाब मनोज कुमार जी आदाब,अच्छी रचना है,बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on November 28, 2017 at 2:03pm
आदरणीय मनोज जी आदाब,
बचपन की मधुर स्मृतियों से आच्छादित बेहतरीन कविता के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
38 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
6 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
7 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
13 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
15 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
yesterday
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service