काफिया ;इल ; रदीफ़ : में है
बह्र : २१२२ २१२२ २१२२ २१२
क्या कहूँ उनकी नज़ाकत, जो दिवाने दिल में’ है
किन्तु का ज़िक्र दिल से दूगुना महफ़िल में’ है |१|
जानती है वह कि गलती की सही व्याख्या कहाँ
पंख बिन भरती उड़ाने, भूल इस गाफिल में’ है |२|
राम रब कृष्ण और गुरु अल्लाह सब तो एक हैं
बोलकर नेता खुदा पर, पड़ गए मुश्किल में है |३|
गर सफलता चाहिए तुमको करो दृढ मन अभी
जज़्बा’ विद्यार्थी में’ हो वैसा ज्यों’ वो कातिल में’ है |४|
आधे’ रस्ते में कहाँ सुख और दुख, है अंत में
अनकहा आनंद का वह सिलसिला मंजिल में है |५|
उद्यमों का फल मिठाई या नहीं, वो जानना
हर तरह का जायका उद्येश्य के हासिल में है |६|
आपसी झगड़े में’ जनता खुद किये अपना अनिष्ट
है कहाँ वो सूज बूझें और जो आदिल में है |७|
है सभी कानून पर उनका कभी पालन कहाँ
वे नियम पालन की’ जिम्मेदारी’ तो आमिल में है |८|
हिम्मती वीर और जिसमें जोश का आवेश हो
हौसले की जय, पराजय सर्वदा बुझदिल में है |९|
शांत है कश्मीर, जबसे फौज़ मोर्चे में गई
सैनिकों के डर से’ आतंकी सभी बिल में हैं |१०|
रहनुमा तो डालते जनता को’ संभ्रम में सदा
गड़बड़ी का फायदा ‘काली’ सभी धूमिल में है |११|
आदिल=न्यायशील ; आमिल= अमल करने वाला
धूमिल= धुआँ से भरा. भ्रमित अवस्था
बिल = जमीं में छेद जिसमें कीड़े मकोड़े, साँप
रहते हैं |
बुझदिल का अर्थ - जिसके दिल की आग /जोश बुझ चुकी है , कायर
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय समर कबीर साहिब ,आदाब , बारीकी से एक एक मिसरा पर मार्ग दर्शन देने के लिए तहे दिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूँ |आपके मार्ग दर्शन में ग़ज़ल की बारीकियां सिखने को मिल रहा है | एक बात पूछना चाहूँगा कि जब कोई मिसरा लय में न हो तो लय में लाने के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
बुझदिल का अर्थ - जिसके दिल की आग /जोश बुझ चुकी है , कायर
सादर आदाब
हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया नवीन मणि त्रिपाठी जी |
हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया आ मोहम्मद आरिफ साहिब | आदाब
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