2122 1122 1122 22
लोग तन्हाई में जब आप को पाते होंगे।
मेरा मुद्दा भी सलीके से उठाते होंगे ।।
लौट आएगी सबा कोई बहाना लेकर ।
ख्वाहिशें ले के सभी रात बिताते होंगे ।।
सर फ़रोसी की तमन्ना का जुनूं है सर पर ।
देख मक़तल में नए लोग भी आते होंगे ।।
सब्र करता है यहां कौन मुहब्बत में भला।
कुछ लियाकत का असर आप छुपाते होंगे ।।
उम्र भर आप रकीबों को न पहचान सके ।।
गैर कंधो से वे बन्दूक चलाते होंगे ।।
ये हक़ीक़त तो जमाने को खबर है शायद ।।
ख्वाब रातों में उन्हें खूब सताते होंगे ।।
इश्क़ छुपता ही नहीं लाख छुपा कर देखो ।
खूब चर्चे वो सरेआम कराते होंगे ।।
ज़ुल्फ़ लहरा के गुज़रते वो अदाकारी में ।
आग सीने में कई बार लगाते होंगे ।।
-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित
Comment
हार्दिक बधाई आदरणीय सोमेश कुमार जी।बेहतरीन प्रस्तुति।
ज़ुल्फ़ लहरा के गुज़रते वो अदाकारी में ।
आग सीने में कई बार लगाते होंगे ।।
आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,
बहुत ही प्यारी ग़ज़ल और बड़े ही बेहतरीन शे'र । हर शे'र प्रभावशाली । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।बाक़ी। गुणीजन अपनी अमूल्य राय देंगे ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online