For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल --- असर होता है // दिनेश कुमार

2122--1122--1122--22
.
एक पत्थर पे भी उल्फ़त का असर होता है
दिल मे जज़्बा हो तो दीवार में दर होता है
.
घुप अँधेरे में उजाले की किरण सा जीवन
जो भी जी जाए, वो दुनिया में अमर होता है
.
उसको हालात की गर्मी की भला क्या चिन्ता
जिसकी दहलीज़ पे अनुभव का शजर होता है
.
आपसी प्यार मकीनों में हो, घर तब होगा
दरो-दीवार का ढांचा तो खँडर होता है
.
वो न सह पायेगा इक पल भी हक़ीक़त की तपिश
जिसके ख़्वाबों का महल मोम का घर होता है
.
हम फ़क़ीरों को ज़ियादा की नहीं चाह 'दिनेश'
जितना हासिल है, बस उतने में गुज़र होता है
.
मौलिक व अप्रकाशित।

Views: 913

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on January 2, 2018 at 1:24pm

इस सम्बन्ध में जनाब योगराज भाई से फोन पर चर्चा कीजिये,वो आपको समझा देंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है ।

Comment by दिनेश कुमार on January 2, 2018 at 12:13pm

हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया आ. समर कबीर साहब। तसल्ली हुई कि ग़ज़ल आपकी नज़र में ठीक रही। एक शेर और हुआ था, इस ग़ज़ल का। यूँ है कि ....  

इश्क़ की राह में काँटों पे भी चलते हैं क़दम

कुछ जुनूँ होता है कुछ शौक़े-सफ़र होता है.

 जी, सर , कहा तो मैंने बहुत बार है कि यहां regular आया करूँगा लेकिन कई बार हो नहीं पाता है, इसका एक कारण यहाँ का comment box भी है। कॉपी पेस्ट हो नहीं पाता और कई बार, type करने के बाद भी छप नहीं पाता है। e.g. पिछली ग़ज़ल पर आपने गिरह की ग़लती बताई थी, मैंने कम से कम 10 बार कमेंट बॉक्स में type करके रिप्लाई किया लेकिन नहीं छप पाया। 

सादर।

Comment by Ajay Tiwari on January 1, 2018 at 11:38pm

आदरणीय दिनेश जी,

पिछली पोस्ट गलती से डिलीट हो गई. मतले के ऊला के लिए दिया गया एक वैकल्पिक मिसरा लिख देता हूँ ताकि आपकी बात का सन्दर्भ बना रहे : 'पत्थरों पर भी मुहब्बत का असर होता है'.

सादर 

Comment by दिनेश कुमार on January 1, 2018 at 7:57pm

तहे दिल से शुक्रिया आ. सुरेंद्र नाथ जी। आभार।

Comment by दिनेश कुमार on January 1, 2018 at 7:33pm

बहुत बहुत शुक्रिया मुहतरम नादिर शाह साहब। इनायत।

Comment by दिनेश कुमार on January 1, 2018 at 7:23pm

इसी वजह से मैं मुशायरे में भी भाग लेने से रह गया था। हालांकि main वज्ह कुछ और भी थी।

Comment by दिनेश कुमार on January 1, 2018 at 7:20pm

आदरणीय संपादक महोदय, मुझे कॉपी पेस्ट करने में पिछले कई दिनों से दिक़्क़त आ रही है, ख़ास तौर पर कमैंट्स में। 

Comment by दिनेश कुमार on January 1, 2018 at 7:17pm

आ. अजय तिवारी साहब। आपका तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मुहतरम। आपकी बात से सौ फ़ीसदी सहमत हूँ कि 

शायरी एक अनवरत प्रक्रिया है कभी-कभी सही मिसरा, या कोई सही शब्द बरसों बाद सूझता है. मतले के ऊला मिसरे पर मैंने पोस्ट करने से पहले बहुत बार बदलाव किया था, जो सुझाव आपने दिए हैं, वो भी सोचे थे मैंने पहले ही, लेकिन पत्थरों की बजाय मैंने एक पत्थर का इस्तेमाल ही ठीक समझा। आपका निहायत शुक्रिया सर कि आपने मुझ में सुधार की कोशिश की। आइन्दा भी इनायत बनाए रखियेगा सर, जी। सादर।
Comment by indravidyavachaspatitiwari on January 1, 2018 at 7:14pm

आपसी प्यार मकीनों में हो ,घर तब होगा
दरो -दीवार का ढांचा तो खँडर होता है।
श्री दिनेश कुमार जी आपने प्यार को दिखाकर जो कहना चाहा है वह दिल को छू रहा है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

Comment by दिनेश कुमार on January 1, 2018 at 7:09pm

बहुत बहुत शुक्रिया मुहतरम शहज़ाद उस्मानी साहब। वाक़ई इनायत है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदाब, आदरणीय,  ' नूर ' मैंने आपके निर्देश का संज्ञान ले लिया है! "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बहुत बहुत आभार आ. सौरभ सर ..आप से हमेशा दाद उन्हीं शेरोन को मिलती है जिन पर मुझे दाद की अपेक्षा…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद और कामयाब अश'आर पर…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. शिज्जू भाई "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,आपको धुआ स्वीकार नहीं हैं तो यह आपका मसअला है. मैंने धुआँ क़ाफ़िया  प्रयोग में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल के फीचर किए जाने की हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह, आदरणीय हरिओम जी, वाह।  आप कुण्डलिया छंद के निष्णात हैं। आपके सहभागिता के लिए हार्दिक…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  आपकी छंद रचना और सहभागिता के लिए धन्यवाद।  योगी जन सब योग को,…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"छंदों की प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय अशोक जी"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिया छंद रचे हैं…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service