22 22 22 22 22 2
रिश्ता जो इक बार बनाया जाता है।
वो फिर सारी उम्र निभाया जाता है।।
ऐसे भी माहौल बनाया जाता है।
कुछ होता कुछ और दिखाया जाता है।।
ऐसा देखा यार सियासत में अक्सर।
इक दूजे को चोर बताया जाता है।।
सच हो पाए जो न किसी भी सूरत में।
क्यों अक्सर वो ख़्वाब दिखाया जाता है।।
रंग बदलते गिरगिट सा कुछ लोग यहाँ।
मतलब हो तो प्यार जताया जाता है।।
ये सच्चाई तो जग जाहिर है यारो।
जो सच बोले खूब सताया जाता है।।
जो औरों के सुख दुख को अपना समझे।
वो अच्छा 'इंसान' बताया जाता है।।
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय अजय साहब आदाब। हौसला अफजाई और मार्गदर्शन के लिए आपका बहुत बहुत आभार जी।
आदरणीय सुरेन्द्र भाई जी नमन। हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आपका।
आदरणीय समर कबीर साहब आदाब। हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी आपका।
आदरणीय कालीपद जी,
फइलुन(112) का प्रयोग मुतकारिब को छोड़ कर अन्य ज्यादातर बहरों में होता है लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रयोग मुतदारिक में होता है मिसाल के लिए :
न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम न इधर के हुए न उधर के हुए
रहे दिल में हमारे ये रंज-ओ-अलम न इधर के हुए न उधर के हुए
- मुंशी घनश्याम लाल आसी
121 के प्रयोग से आपकी मुराद संभवतः बहरे-मीर में इसके प्रयोग से है इसके लिए मीर का ये शेर देखा जा सकता है :
काफ़िर मुस्लिम, दोनों हुए, पर निस्बत उससे कुछ न हुई
बहुत लिए तस्बीह फिरे हम, पहना है जुन्नार बहुत
सादर
हार्दिक बधाई ।
आ अजय तिवारी जी ,नमन , फैलुन( २२ ) का २११ का प्रयोग तो समझमे आगया , कृपया २२ का ११२ या १२१ के रूप में कहाँ प्रयोग होता है एल उदाहरण दे\ सादर
आदरणीय सुरेन्द्र जी, सादर नमन,
फेलुन(22) को 211 और 112 दोनों वजनों पर एक साथ किसी बह्र में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. फेलुन(22) का 211 के वजन पर सिर्फ मुतकारिब में ही इस्तेमाल होता है.(211 वस्तुत: सिर्फ एक गणितीय प्रारूप है वास्तविक तक्ती मुतकारिब के अर्कानों में होती है). आप द्वारा इस्तेमाल की गयी बह्र मुतकारिब का आहंग है और मुतकारिब में फइलुन (112) का इस्तेमाल संभव नहीं है.
सादर
जनाब सुरेन्द्र इंसान जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।
जनाब अजय तिवारी जी सब कुछ बता चुके हैं,उनकी बातों का संज्ञान लें ।
आद. अजय जी सादर नमन जी। ग़ज़ल को समय देने के लिए बहुत बहुत आभार जी।
इस बह्र में 22 को 211 या 112 तो किया जा सकता है। 22 को 121 करने की मनाही बारे तो सुना है या पहले फेलुन को 112 न करने बारे भी सुना है जी।
सादर जी।
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