For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल "कहता हूँ अब ग़ज़ल मैं उसे सोचते हुए"

  

221 2121 1221 212

इंसानियत के तंग सभी दायरे हुए।
दिखते नहीं हैं लोग जमीं से जुड़े हुए।।

जो सुर्खियों में रहते हमेशा बने हुए।
रहते है लोग वो ही ज़ियादा डरे हुए।।

आहट हुई जरा सी बुरे वक़्त की तभी।
कुछ साँप आस्तीन से निकले छुपे हुए।।

वो इस लिये खड़ा है बुलन्दी पे आज भी।
डरता नहीं है झूठ कोई बोलते हुए।।

ख्वाबों में देखता हूँ जिसे रोज रात में।
कहता हूँ अब ग़ज़ल मैं उसे सोचते हुए।।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 1067

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by surender insan on March 20, 2018 at 8:32pm

 आदाब मोहतरम मुहम्मद आरिफ साहब। बहुत बहुत शुक्रिया आपका  । बहुत बहुत आभार जी। सही कहा आपने बेहतरी की गुंजाइश हमेशा रहती है।

Comment by surender insan on March 20, 2018 at 8:27pm

    बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय सुशील सरना  जी । बहुत बहुत आभार जी।

Comment by surender insan on March 20, 2018 at 8:27pm

   बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय हर्ष महाजन  जी । बहुत बहुत आभार जी। सादर नमन जी।

Comment by surender insan on March 20, 2018 at 8:25pm

मोहतरम समर कबीर साहब आदाब। बहुत बहुत शुक्रिया आपका ,आपने ग़ज़ल को समय दिया । आखरी शेर में सुधार करता हूँ। सादर जी।

Comment by surender insan on March 20, 2018 at 8:22pm

  बहुत बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय नीलेश भाई  जी । बहुत बहुत आभार जी।

Comment by surender insan on March 16, 2018 at 11:17pm

बहुत बहुत शुक्रिया आपका रोहित डोबरियाल जी।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 15, 2018 at 12:05pm

हार्दिक बधाई ...

जो सुर्खियों में रहते हमेशा बने हुए।
रहते है लोग वो ही ज़ियादा डरे हुए।

वो इस लिये खड़ा है बुलन्दी पे आज भी।
डरता नहीं है झूठ कोई बोलते हुए।।.....वाह 

Comment by somesh kumar on March 15, 2018 at 9:33am

वो इस लिये खड़ा है बुलन्दी पे आज भी।
डरता नहीं है झूठ कोई बोलते हुए।

SMAY AUR KAAL PR STIK VNGY KRTA SHER HAI YE 

Comment by Ajay Tiwari on March 14, 2018 at 8:21pm

वो इस लिये खड़ा है बुलन्दी पे आज भी
डरता नहीं है झूठ कोई बोलते हुए

यह एक असाधारण शेर है जो अपने देश के ही नहीं आज के पूरे वैश्विक परिदृश्य पर प्रभावी टिप्पणी करता है.

आदरणीय सुरेन्द्र जी, ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 14, 2018 at 7:54pm

वाह क्या कहने बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल कही है..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service