झरता रहा
माँ के आशीर्वाद सा
हरसिंगार
उषा की लाली
रेशम का आँचल
वात्सल्य माँ का
.
पुलक तन
शाश्वत है बंधन
नमन मन
स्नेहिल स्पर्श
वात्सल्य का कंबल
संबल मन
…
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
बहुत बहुत आभार आदरणीया रक्षिता जी ।
आदरणीया नीलम जी नमस्कार, बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ ....हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीय उसमानी जी, उत्साहवर्धन के लिए हृदय से आभार प्रकट करती हू। आगे भी आपके मार्गदर्शन की आकांक्षा रहेगी ।
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी, । उत्साहवर्धन के लिए दिल से आभार प्रकट करती हू। आगे भी आपके मार्गदर्शन की आकांक्षा रहेगी ।
आदरणीय नरेंद्र सिंह जी, बहुत बहुत धन्यवाद ।
आदरणीय श्याम नारायण जी, उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार ।
मां, ममता/ वात्सल्य पर बेहतरीन सारगर्भित हाइकु सृजन हेतु हार्दिक बधाई और आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहिब। ई़द-उल-फ़ित्र मुबारक आप सभी को।
आदरणीया नीलम उपाध्याय जी आदाब,
अच्छी कसावट और बेहतरीन शिल्प से सुसज्जित हाइकु । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
बहोत खूब
सुंदर भाव लिए, उत्तम रचना के लिए बधाई ....सादर, |
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