For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सम्मान - लघुकथा –

सम्मान - लघुकथा –

 एक माँ के चार बेटे थे। बाप का साया बचपन में ही उठ गया था। अतः माँ ने उनके पालन पोषण में कुछ ज्यादा ही प्यार दिखाया और अतिरिक्त सावधानी बरती। इसका नतीजा यह हुआ कि बच्चे उदंड और शरारती हो गये।

माँ काम काज के लिये घर से बाहर रहती थी। और बच्चे सारे दिन मुहल्ले में हुल्लड़बाजी और दबंगयी दिखाते रहते थे। कभी किसी का काँच तोड़ देना या कभी किसी का सिर फोड़ देना। किसी का सामान उठा लाना। किसी स्त्री को छेड़ देना। यह उनका रोज़मर्रा का काम था।

आज दिन भर हंगामा करके चारों बेटे जैसे ही घर पहुँचे तो देखा माँ के सिर पर पट्टी बँधी थी। शरीर भी जगह जगह जख्मी था। खून टपक रहा था।

"माँ, यह क्या हुआ, कैसे हुआ"?

माँ चुपचाप सिर पकड़ कर बैठी रही।

"माँ तुम बोलती क्यों नहीं? यह किसने किया"?

माँ ने गुस्से में मुँह खोला, "मुहल्ले वाले आये थे। तुम्हारी शरारतों की शिकायत लेकर?  बातचीत के बीच कुछ उपद्रवी लड़कों ने पथराव कर दिया"?

"कौन थे वह लड़के? नाम बता माँ, एक एक को चीर कर रख देंगे"?

चारों बेटे हाथों में छुरी, डंडे और लाठी लेकर बाहर जाने को तैयार खड़े थे।

"माँ, जल्दी से नाम बता। आज एक भी जिंदा नहीं बचेगा"?

माँ चींख पड़ी,

"अरे चुप करो दुष्टो, मेरी इस हालत के जिम्मेदार तो तुम खुद हो? तुम दूसरों की माँ बेटी की इज्जत नहीं करोगे तो तुम्हारी माँ को कौन इज्जत देगा"?

 मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 779

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on July 26, 2018 at 4:18pm

हार्दिक आभार आदरणीय डॉ आशुतोष जी।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on July 26, 2018 at 3:56pm

आदरणीय तेजवीर जी सार्थक सन्देश देती सशक्त रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर 

Comment by TEJ VEER SINGH on July 23, 2018 at 3:05pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम उपाध्याय जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 23, 2018 at 3:04pm

हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी।

Comment by Neelam Upadhyaya on July 23, 2018 at 2:55pm

 आदरणीय तेजवीर सिंह जी, अच्छी सन्देश परक लघुकथा की प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकार करें । 

Comment by Shyam Narain Verma on July 23, 2018 at 2:47pm
शानदार लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई | सादर 
Comment by TEJ VEER SINGH on July 22, 2018 at 2:50pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।

Comment by Samar kabeer on July 22, 2018 at 12:18pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत उम्दा लघुकथा हुई है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on July 22, 2018 at 11:30am

हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।

Comment by babitagupta on July 21, 2018 at 11:04pm

बेहतरीन रचना संदेश देती कि सम्मान पाने के लिए सामने वाले को सम्मान देना पडता है, बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय तेजवीर सर जी. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service