For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भले थोड़ी रुकावट आज है

पतवार के आगे

किनारा भी मिलेगा कल,

हमें मँझधार के आगे.

 

अमन की क्यारियाँ सींचो,

मुहब्बत को महकने दो.

हृदय में आज अपने तुम,

हमारा दिल धड़कने दो.

 

न अपने हाथ फैलाओ,

कभी सरकार के आगे.

 

न पकड़ो हाथ में चाक़ू,

बनाओ मित्र कुछ अपने.

हृदय का पृष्ठ कोरा है,

उकेरो कुछ नये सपने.

 

नहीं तलवार लगती कुछ,

कलम की धार के आगे

 

न बम होंगे न बन्दूकें,

न पत्थर बाजियाँ होंगी.

गुलाबों और केसर से,

सजी फिर घाटियाँ होंगी.

 

घृणा के पैर टिक पायें,

न संभव प्यार के आगे.

 "मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 566

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 18, 2018 at 8:48am

हृदय से आभार आदरणीय Shyam Narain Verma जी आपका 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 18, 2018 at 8:47am

हृदय से आभार आदरणीया बबिता गुप्ता जी आपका 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 18, 2018 at 8:47am

हृदय से आभार आदरणीय नादिर खान जी आपका 

Comment by नादिर ख़ान on August 15, 2018 at 7:48pm

अमन की क्यारियाँ सींचो,

मुहब्बत को महकने दो.

हृदय में आज अपने तुम,

हमारा दिल धड़कने दो....खूबसूरत भाव लिए उत्तम रचना के लिए बधाई आदरणीय बसंत कुमार जी ...

Comment by babitagupta on August 15, 2018 at 3:48pm

शुरू की चार पंक्तियाँ बहुत ही सुंदर,बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय सरजी।

Comment by Shyam Narain Verma on August 14, 2018 at 4:49pm

सुंदर गीत के लिए .दिल से बधाई  सादर

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 14, 2018 at 4:03pm

आदरणीया Neelam Upadhyaya जी , आपका हृदय से आभार 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 14, 2018 at 4:03pm

आपकी उपस्थिति को सादर नमन आदरणीय Samar kabeer जी 

Comment by Neelam Upadhyaya on August 14, 2018 at 3:25pm

आदरणीय बसंत कुमार जी,  बहुत ही सूंदर रचना हुई है ।   प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें।

Comment by Samar kabeer on August 13, 2018 at 3:59pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,बहुत सुंदर गीत हुआ है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
23 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service