भारत माँ के विशद भाल पर
यह जो शोभित बिंदी है
जिसकी आभा से सब जगमग
वह भाषा तो हिन्दी है ll
अपनी गरिमा है हिन्दी से
हिन्दी ही अपनाएंगे
आन बान सम्मान अस्मिता
इसकी सदा बढ़ाएंगे ll
सरस सुगम हृदयंगम भाषा
जन जन की हितकारी है
मोती सा हम गुँथे सूत्र में
हिन्दी की बलिहारी है ll
हमें गर्व है इस हिंदी पर
हिंदी को ना छोड़ेंगे
नित भारत के हर कोने को
हिंदी से हम जोड़ेंगे ll
विश्व पटल पर हिन्दी भाषा
का परचम लहरायेंगे
नव विकसित हिन्दी को करके
अपना फर्ज निभाएंगे ll
Comment
आ. भाई छोटेलाल जी, हिन्दी दिवस पर अच्छी रचना हुई है। इस बधाई स्वीकारें ।
आदरणीय श्यामनारायण वर्मा जी दिल से आभार सादर
परमादरणीय समर साहब सादर अभिवादन आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करती है आपका बहुत बहुत आभार
आदरणीया नीलम जी आपके उत्साह वर्धन से लेखन को बल मिला दिल से आभार
आदरणीय डॉ छोटे लाल जी, नमस्कार । हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में अच्छी रचना की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई।
जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,हिन्दी दिवस पर बहुत अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
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