आन बान है घर की बेटी
इसको सदा बचाएंगे
बेटी से घर रोशन होता
मिलकर सभी पढ़ाएंगे ll
मन में लें सौगंध सभी जन
नहीं कोंख में मारेंगे
बेटी को खुद पढ़ा लिखाकर
अपना चमन सुधारेंगे ll
भेदभाव बेटी बेटा में
कभी नहीं होने देंगे
बेटी घर की रौनक होती
इसे नहीं रोने देंगे ll
सभी क्षेत्र में बेटी आगे
अपने बल से जाती है
आसमान को छूती बेटी
घर का मान बढ़ाती है ll
दो दो घर बेटी सँवारती
सारी खुशियाँ देती है
तनमन से वह फर्ज निभाती
पल में गम हर लेती है ll
बेटी का सम्मान बढ़ाएं
होगा ये भारत आगे
तुच्छ विचारों को बदलेंगे
तब सब जाएंगे आगे ll
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय ब्रजेश ब्रज जी उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार
भाई सुरेन्द्र जी उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
आदरणीया नीलम जी उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार
आदरणीय डॉ छोटेलाल जी, सादर अभिवादन। सन्देश-परक सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।
आद0 डॉ छोटेलाल भैया सादर अभिवादन। उम्दा सृजन पर कोटिश बधाई निवेदित है। सादर
वाह आदरणीय उत्तम सन्देश पूर्ण रचना..बधाई
आदरणीय उस्मानी साहब आपके उत्साह वर्धन से लेखनी सार्थक हुई एक नई ऊर्जा मिली आपका बहुत बहुत आभार
सार्थक अभियानों, नुक्कड़ नाटिकाओं और शैक्षणिक पाठ्यक्रमों हेतु बेहतरीन सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह साहिब।
आदरणीय तेजवीर साहब जी उत्साह वर्धन के लिए दिल से आभार
परमादरणीय समर साहब जी सादर अभिवादन आपके उत्साह वर्धन से मन प्रसन्न हुआ,आपका दिल से आभार
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