चुनौती दे डाली ....
खिड़कियों के पर्दों ने
रोशनी के प्रभुत्व को
चुनौती दे डाली
जुगनुओं की चमक ने
अंधेरों के प्रभुत्व को
चुनौती दे डाली
अंतस की पीड़ा ने
आँखों के सैलाबों को
चुनौती दे डाली,........
विरह के अभयारण्य ने
स्मृतियों के भंडारण को
चुनौती दे डाली
बिस्तर की सलवटों ने
क्षणों की चाल को
चुनौती दे डाली
जीत के आसमान को
हार की ज़मीन ने
चुनौती दे डाली
देह के प्रभुत्व को
श्वासों के आरोह -अवरोह ने
चुनौती दे डाली
और
मैं के दम्भ को
मरघट की चिता ने
चुनौती दे डाली
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय राज नवदेवी साहिब , आदाब .... सृजन के भावों पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।
खिड़कियों के पर्दों ने
रोशनी के प्रभुत्व को
चुनौती दे डाली
जुगनुओं की चमक ने
अंधेरों के प्रभुत्व को
चुनौती दे डाली
वाह, बहुत खूब, चुनौती डे डाली. आदरणीय सुनील सरना जी, सुन्दर कविता की प्रस्तुति पे हार्दिक बधाई. सादर.
आदरणीय नरेन्द्र सिंह चौहान जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।
आदरणीय समर कबीर साहिब , आदाब .... सृजन के भावों पर आपकी मधुर प्रशंसा का दिल से आभार।
खूब सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकार कर्रे।
जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online