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'गठरी, छतरियां और वह' (लघुकथा)

वह नंगा हो चुका था। फिर भी इतरा रहा था। घमंड का भूत अब भी सवार था।

"आयेगा.. वह आयेगा, मेरी ही छत्रछाया में!" विदेशी धरती, देशी राजनीति, देशी-विदेशी उद्योग-जगत और देशी-विदेशी ग्लैमर-जगत की छतरियां बारी-बारी से अपने अनुभव आधारित दावे पेश करने लगीं।

"तुम सबने इसे नंगा तो कर ही दिया है! न ईमान रहा इसके पास, न ही धर्म! तन अंदर से खोखला कर लिया है इसने और मन.. मन का धन कर रहा है इसका!" उसके तन को सहारा देती रीढ़ की हड्डी के ऊपरी यानि कंधों वाले भाग पर बोझिल गठरी ने हिलोरें मारते हुए कहा, "इसके पास बस यह गठरी है, धन-संपत्ति की, पापों की या यांत्रिक-तकनीकी तरक़्की की! मानवता को फांसी के फंदे या उम्र क़ैद की कगार पर पहुंचा कर अब जाये भी तो जाये कहां!"

"कुत्ता है! न घर का, न घाट का! या फिर कठपुतला है सरकारों का या उद्योगपतियों या फिर नेताओं का! ... विकल्प खुले हुए हैं! छतरियां हमारी खुली हुई हैं!" वे सभी छतरियां एक साथ बोल पड़ीं, "हम में से किसी एक की शरण में आ जाये, तो बात बन जाए! इसकी भी और हमारी भी! पालतू कुत्ते हमारी फ़ितरत भी हैं, मज़बूरी भी!"

वह नंगेपन की परवाह किए बग़ैर उनमें से एक की छत्रछाया में चला गया। उसे मालूम था कि वे सभी 'एक ही थाली (थैली) के चट्टे-बट्टे' माफ़िक हैं। वारे-न्यारे के दावेदार हैं।

(मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 28, 2019 at 10:42am

रचना पर समय देकर अनुमोदन और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय महेंद्र कुमार साहिब।

Comment by Mahendra Kumar on January 27, 2019 at 11:05am

परंपरा और कथित आधुनिकता के द्वंद्व पर अच्छी लघुकथा कही है आपने आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 27, 2019 at 10:40am

 आदाब। बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब   लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' साहिब इस हौसला अफ़ज़ाई हेतु।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 24, 2019 at 5:57am

आ. भाई शेख शहजाद जी, अच्छी कथा हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 22, 2019 at 8:09pm

आदाब। बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब इस हौसला अफ़ज़ाई हेतु।

Comment by Samar kabeer on January 21, 2019 at 11:03pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब, अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

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