1-
हम विश्व शांन्ति के पोषक हैं, यह बात जगत में है जाहिर।
पर पाकिस्तान सदा से ही, आतंकवाद में है माहिर।।
पुलवामा में हमला करके, मारे हैं वीर बिना कारण।
इसलिए शांति अब और नहीं, हम भी कर पाऐंगे धारण।।
2-
हज करने की बातें करता, ये सौ-सौ चूहे भी खाकर।
अनजान बना बैठा रहता, जम्मू घाटी को दहलाकर।।
ये पाकिस्तान हमेशा से, भारत को है अति दुखदायक।
है अमन चैन के पथ में भी,अब बन बैठा ये खलनायक।।
3-
तीसरा नेत्र जब भारत ने, फड़काया भर ही है केवल।
तब दिखा जैश पर लगा हुआ, पूरा पाकिस्तानी लेवल।।
हो खबरदार ओ दुष्ट पाक, आतंकवाद का तू कारक।
अब जाएगा तू प्राणों से, संधान किया हमने मारक।
4-
यह बार-बार बेवजह हमें, कर देता हमलों से आहत।
अब बात विश्व ये समझ गया,इसको न शांति की है चाहत।।
सोते में सिंह जगाया है, इसने पुलवामा में आकर।
हम इसको सबक सिखाऐंगे, इसके घर के अंदर जाकर।।
(मौलिक व अप्रकाशित)
**हरिओम श्रीवास्तव**
Comment
हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।
हार्दिक आभार आदरणीय कबीर साहब।
हार्दिक आभार आदरणीय मुसाफिर जी।
आ. भाई हरिओम जी, सुंदर छंद हुए हैं । हार्दिक बधाई ।
जनाब हरिओम श्रीवास्तव जी आदाब,अच्छे छन्द लिखे आपने,बधाई स्वीकार करें ।
बहुत बढ़िया समसामयिक अभिव्यक्ति। हार्दिक बधाई आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव साहिब।
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